India News (इंडिया न्यूज), Amit Shah On Aurangzeb Controversy : महाराष्ट्र में औरंगजेब की समाधि विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है। गृह मंत्री ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान रायगढ़ किले से दहाड़ लगाई है। दरअसल, अमित शाह छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने रायगढ़ किले पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि औरंगजेब खुद को आलमगीर कहता था, लेकिन महाराष्ट्र में उसकी हार हुई और उसकी समाधि (मकबरा) भी यहीं बनाई गई। दरअसल, कुछ दिन पहले औरंगजेब की समाधि को लेकर महाराष्ट्र में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसके अलावा संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। हालात को काबू करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा था।
‘महाराष्ट्र में हारा, समाधि यहीं बनाई’
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत ‘छत्रपति शिवाजी महाराज, धर्मवीर संभाजी महाराज की जय’ के नारे से की। उन्होंने कहा कि खुद को आलमगीर कहने वाले औरंगजेब महाराष्ट्र में हारे और उसकी समाधि (मकबरा) भी यहीं बनाई गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में स्थित है। इस कब्र को हटाने को लेकर विवाद हुआ था। गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ, तब पूरा देश अंधकार में था।
किसी के लिए भी स्वराज के बारे में सोचना मुश्किल था। देवगिरी के पतन के बाद अगले 100 वर्षों में पूरा दक्षिण ढह गया। हालांकि, एक 12 साल के बच्चे ने जीजाबाई से प्रेरणा ली और सिंधु से कन्याकुमारी तक भगवा (शासन) स्थापित करने की शपथ ली।
‘भारत के हर बच्चे को पढ़ाया जाना चाहिए शिवचरित्र’
अमित शाह ने रायगढ़ किले से कहा कि छत्रपति शिवाजी ने जीजाउ के संस्कार को वट वृक्ष बना दिया और शिवाजी के बाद जब तक औरंगजेब जीवित रहे, संभाजी महाराज, महारानी लक्ष्मी बाई, धनोजी संतोजी लड़ते रहे। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम भारत के हर बच्चे को यह शिवचरित्र पढ़ाएं और सिखाएं।
‘हमारा भारत दुनिया में नंबर वन होगा’
अमित शाह ने आगे कहा, मैं यहां (रायगढ़ किले में) भाषण और राजनीति करने नहीं, बल्कि प्रेरणा लेने आया हूं। न किस्मत उनके (छत्रपति शिवाजी महाराज) साथ थी, न अतीत उनके साथ था, न पैसा और न ही सेना। एक बालक ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से पूरे देश को स्वराज का मंत्र दिया। कुछ ही समय में उसने 200 साल से चली आ रही मुगल हुकूमत को चकनाचूर कर दिया और देश को स्वतंत्र कराया।
आज आजादी के 75 साल बाद हम दुनिया के सामने सिर ऊंचा करके खड़े हैं। हम संकल्प लेते हैं कि जब आजादी के 100 साल होंगे, तब हमारा भारत दुनिया में नंबर वन होगा। शिवाजी ने मूल रूप से इसकी कल्पना की थी।
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