India News (इंडिया न्यूज),Waqf Amendment Bill 2025:केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में चर्चा चल रही है। बुधवार को संसद के निचले सदन लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया है और इस पर चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि सरकार इस विधेयक को आसानी से राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पारित करा लेगी। हालांकि विपक्षी दल और AIMPLB समेत कई मुस्लिम संगठन इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं। वक्फ विधेयक को लेकर मचे इस बवाल के बीच तमिलनाडु के एक गांव तिरुचेंदुरई की कहानी सामने आई है। दरअसल, वक्फ बोर्ड ने इस पूरे गांव की जमीन पर दावा करते हुए इसे अपना बताया था।
330 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा
तमिलनाडु का तिरुचेंदुरई एक ऐसा गांव है, जहां की पूरी जमीन यानी करीब 330 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया था। तमिलनाडु के तिरुचि जिले में स्थित तिरुचेंदुरई गांव में सदियों पुराना मनेन्दियावल्ली चंद्रशेखर स्वामी मंदिर भी है। बताया जाता है कि यह आठवीं शताब्दी का मंदिर है, यानी यह मंदिर 1500 साल पुराना है। पूरे गांव के साथ-साथ वक्फ बोर्ड ने भी मंदिर की जमीन पर दावा किया था।
अपना ही जमीन नहीं बेच पाया किसान
साल 2022 में राजगोपाल नाम के एक किसान ने अपनी कृषि भूमि बेचने की कोशिश की थी। राजगोपाल को कर्ज चुकाना था, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं बेच पाया। दरअसल, रजिस्ट्रार ऑफिस की ओर से राजगोपाल को बताया गया कि वक्फ ने इस पूरे गांव की सारी जमीन पर अपना हक जताया है। ऐसे में वक्फ बोर्ड की एनओसी के बिना कोई भी जमीन खरीदी या बेची नहीं जा सकती। यहां तक कि रजिस्ट्रार ऑफिस में इस संबंध में नोटिस भी चिपकाया गया था।
राज्य सरकार ने किया था हस्तक्षेप
जब इस मुद्दे पर हंगामा हुआ तो डीएमके सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जमीन के रजिस्ट्रेशन के लिए वक्फ बोर्ड से एनओसी की जरूरत नहीं है। इसके बाद पिछले 3 सालों में गांव की कई जमीनें भी बिक गईं। लेकिन तमिलनाडु वक्फ बोर्ड अभी भी अपने दावे पर कायम है कि गांव की जमीन वक्फ की है। हालांकि, इससे जुड़ा कोई भी दस्तावेज अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
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