India News (इंडिया न्यूज), Indian Economy Growth: यूबीएस द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट ने भारत के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव को उजागर किया है। इसके अनुसार, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे अमीर देश बन गया है, जबकि पहले यह स्थान चीन के पास था। इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में अमीरों की कुल संपत्ति में 42 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है। जिससे यह आंकड़ा बढ़कर 905 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया है। यह इस बात का अहम संकेत है कि भारत में अरबपतियों की संपत्ति और ताकत तेजी से बढ़ रही है, जो देश के आर्थिक हालातों को दर्शाता है।

भारत में अमीरों की संपत्ति में हुई वृद्धि

जहां एक ओर चीन में अमीरों की संपत्ति में कमी आई है, वहीं भारत में इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका मुख्य कारण भारतीय उद्यमियों की सक्रियता और भारतीय अर्थव्यवस्था का सकारात्मक माहौल है। यूबीएस की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि पिछले 10 सालों में भारत में अरबपतियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 185 हो गई यह वृद्धि भारतीय बाजार की स्थिरता और भारत में बढ़ते निवेश माहौल का प्रमाण है।

भारत में अरबपतियों की संपत्ति में इस वृद्धि का एक बड़ा कारण पारिवारिक व्यवसायों का योगदान है। पारिवारिक व्यवसायों ने न केवल अपनी संपत्ति में वृद्धि की है, बल्कि कई कंपनियां शेयर बाजार में भी सूचीबद्ध हुई हैं। इन कंपनियों में दवा, ऑनलाइन शिक्षा, वित्तीय प्रौद्योगिकी और खाद्य वितरण आदि जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों में नई और स्थापित कंपनियों का मिश्रण भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ के रूप में उभरा है।

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तेजी से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत की आर्थिक वृद्धि तेजी से हो रही है, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने अपने दो कार्यकालों में कई संरचनात्मक सुधार किए हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। इन सुधारों के परिणामस्वरूप, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह सफलता भारतीय नीति, सुधार और उद्यमशीलता की शक्ति को दर्शाती है।

भारत में बन रहा निवेश का सकारात्मक माहौल

भारत में निवेश का माहौल लगातार बेहतर हो रहा है। विनिवेश, सरलीकृत कराधान और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने की पहल जैसी सरकारी नीतियां भारतीय बाजार को और अधिक आकर्षक बना रही हैं। नतीजतन, न केवल भारतीय कंपनियां अपने कारोबार का विस्तार कर रही हैं, बल्कि विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। साथ ही, भारत की मजबूत उपभोक्ता मांग और बढ़ता मध्यम वर्ग भी आर्थिक विकास के प्रमुख चालक हैं।

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