- विमान सेवा को और मजबूत करने के लिए 12 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च
अजीत मैंदोला, नई दिल्ली: नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते है कि वह केवल और केवल काम को महत्व देते हें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हे लगभग एक साल पहले नागर विमानन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी थी तब से उनकी एक ही कोशिश रही कि वह अपनी जिम्मेदारी में खरे उतरें। उसमें काफी हद का वह अपने को सफल मानते है। प्रधानमंत्री ने नागर विमानन मंत्रालय के साथ साथ अब इस्पात मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी है। सिंधिया कहते है कि वह इस जिम्मेदारी को भी पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।
सिंधिया कहते है देशभर में हवाई अड्डो और हवाई सेवा का विस्तार, वंदे भारत मिशन, मिशन गंगा मोदी सरकार की ऐसी कई उपलब्धियां जिनकी चर्चा है। विशेष बातचीत में सिंधिया कहते है बीते एक साल में हमारी सरकार ने हवाई अड्डो के निर्माण पर ही 12 हजार 692 करोड़ रुपये अब तक खर्च किये है। वन्दे भारत मिशन के तहत 3.15 करोड़ से अधिक यात्रियों ने 1लाख 25 हजार फ्लाइट के माध्य्म से यात्रा की।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जेवर हवाई अड्डे पर ही 8 हजार 914 करोड़ खर्च हो रहे है। आधुनिक सुविधाओं से लेस यह दुनिया में अलग तरह का हवाई अड्डा होगा। इसी तरह कुशीनगर में 488 करोड़ की लागत से हवाई अड्डा बन रहा है। देहरादून के हवाई अड्डे नए टर्मिनल पर 325 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे है। भोले की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी देवधर को हवाई सेवा से जोड़ दिया गया है। इस हवाई अड्डे पर 400 करोड़ खर्च होंगे। तीर्थ यात्री आराम से देवधर पहुंच दर्शन कर सकेंग। हमारी सरकार की यही कोशिश महत्वपूर्ण नगरों को हवाई सेवा से जोड़ा जाये।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में 520 करोड़ की लागत हवाई अड्डा बन रहा है। अगरतला हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन पर 450 करोड़ खर्च किये जाएंगे। गुजरात के धोलेरा में बन रहे 1305 करोड़ की लागत के हवाई अड्डे को जून में सीसीईए ने स्वीकृति प्रदान कर दी है जबकि जुलाई में रनवे और प्रचालन क्षेत्र के कार्य की निविदा अवार्ड कर दी गई है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के मंडी के हवाई अड्डे को साइट क्लियरेंस दे दी गई है। 8 हवाई अड्डो जिनमे तेजू, केशोद, देवधर, गोंदिया, सिंधुदुर्ग और कुशीनगर में क्षेत्र आरंभ कर दिया गया है।3 हेलीपोर्ट्स मंडी,रामपुर,हल्द्वानी पर भी प्रचालन आरंभ है।66 मार्ग परिचालित किये गये है।सिंधिया कहते है हर प्रमुख जगह को हवाई सेवा से जोड़ा जायेगा।
सुरक्षा सुधार के लिये कई नीतियाँ बनाई गई। ड्रोन नियमों को उदार किया गया।हेलिकाप्टर प्रोत्साहन नीति बड़ी सफल है। हवाई अड्डो के आसपास ऊंचाई के नियमों में संसोधन किया जिससे भवन मालिकों को राहत मिले। आम जन की सुविधाओं के लिये कई फैसले लिये गये। कई नई पहल की गई। उड़ान प्रशिक्षण संगठन बनाया गया। एयर ट्रेपिक कंट्रोल के लिये 340 पदो को मंजूरी दी गई।मिशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे 22 हजार 500 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया।
कृषि उड़ान, लघु विमान योजना को बढ़ावा, योग प्रभा का आयोजन तथा गवालियर किले में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ साथ हवाई सेवा से जोड़ना जैसे कई काम हुये। सिंधिया कहते है जब से मंत्रालय देख रहा हुं तब से राजनीति से ज्यादा मंत्रालय के कामों पर जोर हर। कांग्रेस से भाजपा में आये सिंधिया ने पिछले साल जुलाई में नागर विमानन मंत्रालय का काम संभाला था। एक साल में उनके मंत्रालय ने कई अहम फैसले किये उनके काम काज से खुश हो कर प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में इस्पात मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी।
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