India News (इंडिया न्यूज़), Operation Iron Shield: इज़रायल रक्षा बलों ने सोमवार (15 अप्रैल) को घोषणा की कि ईरान द्वारा लॉन्च किए गए ड्रोन और मिसाइलों को इज़राइल द्वारा सफलतापूर्वक रोकने को आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन आयरन शील्ड नाम दिया गया है। आईडीएफ ने अपने आधकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि आयरन शील्ड शनिवार (13 अप्रैल) को ईरानी हमले को रोकने और विफल करने के ऑपरेशन का आधिकारिक नाम होगा। दरअसल, एक अभूतपूर्व कदम में ईरान ने इज़राइल पर अपने पहले प्रत्यक्ष सैन्य हमले में सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर 1 अप्रैल के हमले के जवाब में ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च कीं। तेहरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है।
ईरानी हमले को इजरायल ने रोका
दरअसल, आईडीएफ ने कहा कि ईरान द्वारा लॉन्च किए गए 170 ड्रोन और 150 मिसाइलों (30 क्रूज़, 120 बैलिस्टिक) में से 99% को बाद के वायु रक्षा और लड़ाकू जेट द्वारा और अमेरिका के नेतृत्व वाले सहयोगियों के गठबंधन के समन्वय में रोक दिया गया था। वहीं पश्चिमी देशों ने इज़रायल का समर्थन किया और ईरान की निंदा की है। इसने दोनों में से पूर्व से आग्रह किया है कि वह उकसावे का जवाब न दें, क्योंकि मध्य पूर्व में इज़रायल और हमास के बीच पहले से ही संघर्ष चल रहा है। दूसरी तरफ ईरान ने इज़रायल की किसी भी संभावित सैन्य कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है।
इजरायल जल्द करेगा जवाबी करवाई
बता दें कि, इजरायल के एक मीडिया संस्थान ने बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले युद्ध मंत्रिमंडल ने यहूदी राज्य के प्रतिशोध पर चर्चा पूरी कर ली है। इसके साथ ही कहा कि ऐसी रिपोर्ट हैं कि जवाबी कार्रवाई जल्द हो सकती है। वहीं एक्सियोस नोट साइट ने बताया कि इज़राइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन को बताया कि बैलिस्टिक मिसाइलों के उपयोग के कारण, इज़रायल के पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। डब्ल्यूएसजे ने कहा कि ईरानी परमाणु स्थलों पर हमला करना असंभव होगा। क्योंकि इसके ऑपरेशन के लिए अमेरिका के समर्थन और धन दोनों की आवश्यकता होगी।