India News (इंडिया न्यूज), India-Paraguay Relations : राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आज सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासिओस के बीच अहम बैठक हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक को दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर कुछ बड़ी बातें कहीं, जो पाकिस्तान को चुभ सकती हैं।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पेना के साथ मुलाकात के बाद पाक पर निशाना साधते हुए कहा कि, आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भारत और पराग्वे एक साथ खड़े हैं। हमें संतोष है कि कोविड के समय हम भारत में बने मेडिसिन पराग्वे के साथ साझा कर सकें। हम पराग्वे और सभी लैटिन अमेरिकी देशों के साथ काम कर सकते हैं।
दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर हुआ बातचीत
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेना के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी उनसे मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वार्ता में मौजूद थे।
बता दें कि राष्ट्रपति पेना की तीन दिवसीय यात्रा भारत पर आई है, जो 4 जून को समाप्त होगी। इस दौरान पामम एयरफोर्स स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और राज्य मंत्री रजिस्ट्री दुकान ने उनकी निशानी बनाई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर ने लिखा, ‘‘Bienvenido President @SantiPenap! यह यात्रा भारत-पराग्वे को और मजबूत बनाने की है।’
मुंबई की भी यात्रा करेंगे राष्ट्रपति पेना
दिल्ली के बाद राष्ट्रपति पेना मुंबई जाएंगे, जहां वे राज्य नेतृत्व, व्यापारियों, स्टार्टअप्स और प्रौद्योगिकी नवोन्मेषकों से मिलेंगे। यह भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच आर्थिक पुल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 13 सितंबर 1961 को स्थापित हुए थे। तब से ऑटोमोबाइल, फार्मा, आईटी, कृषि समेत कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। पैराग्वे में कई भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं, जबकि पैराग्वे की कंपनियां भी व्यापारिक साझेदारी के जरिए भारत में मौजूद हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद से लड़ने जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत और पैराग्वे के विचार समान हैं। इतना ही नहीं, पैराग्वे ने कोविड काल में भारतीय चिकित्सा पद्धति को अपनाया – जिससे दोनों देशों की स्वास्थ्य कूटनीति भी मजबूत हुई।
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