India News (इंडिया न्यूज)India Air Defence: पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाने वाले भारत ने एयर डिफेंस के क्षेत्र में भी पूरी दुनिया को चौंका दिया है। भारत की सफलता सिर्फ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में ही नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की ओर से दागी गई मिसाइलों और उसके द्वारा भेजे गए हजारों ड्रोन को उसके हवाई क्षेत्र में घुसते ही मार गिराने में भी है। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत की सफलता एयर डिफेंस के नए युग की ओर संकेत दे रही है।

जॉन स्पेंसर ने एक लेख में कहा कि भारत ने स्वदेश निर्मित और विदेशी मिसाइलों के माध्यम से वायु रक्षा की एक बहुस्तरीय प्रणाली बनाई है, जिसे भेद पाना लगभग असंभव है। भारत की वायु रक्षा प्रणाली आकाश और क्यूआरएसएएम जैसे स्वदेश निर्मित प्लेटफार्मों का मिश्रण है। जिसे इजरायली बराक-8 सिस्टम और रूस निर्मित एस-400 के साथ जोड़ा गया है। यह मल्टी लेयर एयर डिफेंस सिस्टम लंबी, मध्यम और छोटी दूरी की मिसाइलों से बना है। इन्हें सुरक्षा के निर्बाध, मल्टी लेयर जाल में एक साथ काम करने के लिए बनाया गया है।

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भारत की वायु रक्षा बहुत कारगर है

ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने हाल के हफ़्तों में आधुनिक वायु रक्षा की उभरती हुई प्रकृति को प्रदर्शित किया है। इसने न केवल अपने हवाई क्षेत्र की मज़बूती से रक्षा की है, बल्कि अपने विरोधी पाकिस्तान में तैनात चीनी निर्मित वायु रक्षा को भी सफलतापूर्वक भेदने में सक्षम रहा है। यह याद दिलाता है कि वायु रक्षा का मतलब यह नहीं है कि आप कौन सी हथियार प्रणाली खरीदते हैं, बल्कि यह है कि आप उन्हें सफलतापूर्वक एक साथ कैसे एकीकृत करते हैं।

चीनी प्रणालियाँ केवल कागजों पर ही कारगर हैं

दूसरी ओर, जॉन स्पेंसर के मुताबिक, पाक ने वायु रक्षा के लिए मुख्य रूप से चीन निर्मित प्रणालियाँ जैसे HQ-9/P (S-300 के बराबर एक लंबी दूरी की प्रणाली), LY-80 और FM-90 तैनात की हैं। ये प्रणालियाँ सिर्फ कागज़ों पर सक्षम हैं। हालाँकि, जैसा कि भारत ने दिखाया है, इन्हें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, तेज़ हमलों और स्मार्ट प्लानिंग के ज़रिए आसानी से भेदा जा सकता है।

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