India News (इंडिया न्यूज), India-Canada Dispute: इस समय दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां रुस-युक्रेन और इजरायल-फिलिस्तीन में जंग जारी है। वहीं दूसरी ओर भारत और कनाडा के बीच भी वैचारिक मतभेद देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कनाडा और भारत को लेकर अपनी बातें रखी है।

उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के बीच का रिश्ता बेहद ही कठ‍िन दौर से गुजर है। लोगों में इस वक्त सबसे ज्यादा चिंता वीजा को लेकर है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार इस मुद्दे पर लगातार नजर बनाई हुई है। जैसे हीं दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आता है, वैसे हीं वीजा फिर से शुरु किया जाएगा।

  • पूरे मामले पर बारीकी से काम किया जा रहा
  • हां पर हमारे लोग सुरक्ष‍ित नहीं है

राजनयिकों की सुरक्षा को प्राथम‍िकता

उन्होंने कहा कि “कुछ हफ्ते पहले भारत सरकार द्वारा कनाडा में वीजा जारी करना बंद कर दिया गया। इस तरह की स‍ुव‍िधा को जारी रखना भारतीय राजनयिकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जा रहा था। उनको वीजा जारी करने के ल‍िए काम पर जाना सुरक्ष‍ित नहीं था। जिसके कारण उनकी सुरक्षा और संरक्षा को प्राथम‍िकता देते हुए वीजा की सुव‍िधा को अस्थायी तौर पर रोकना पड़ा। इस पूरे मामले पर बारीकी से बात और काम किया जा रहा है। जैसे हीं स्थिति सामान्य होती है। हम इस पर फिर से काम करेंगे।”

व‍िदेश मंत्री ने कहा क‍ि ” राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वियना कन्वेंशन का सबसे बुनियादी पहलू है। इसे कनाडा में कई तरह से चुनौती दी गई है। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि वहां पर हमारे लोग सुरक्ष‍ित नहीं है। राजनय‍िक को कोई सुरक्षा नहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन

बता दें कि कनाडा ने भारत में कई राजनयिक तैनात किए थें। बढ़ते विवाद मे भारत ने राजनयिकों की बराबर संख्या की मांग रखी थी। भारत द्वारा कहा गया था कि अगर कनाडाई राजनयिकों को वापस नहीं बुलाया गया तो उन्हें मिलने वाली सुरक्षा हटा दी जाएगी।

जिस पर कनाडा के विदेश मंत्री का कहना था कि भारत का ऐसा करना ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन’ है। साथ ही कनाडा के विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि भारत के इस व्यवहार पर भारत बदले में कोई कार्रवाई नहीं करेगा। साथ ही कनाडा में आने वाले भारतीयों का स्वागत भी किया था।

Also Read: