India News (इंडिया न्यूज), India Gain From Trump European Union Clash: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के कई ताकतवर देशों में आफत मचा रखी है। कहीं टैरिफ बढ़ाने तो कहीं फंडिंग रोकने पर बवाल हो रहा है। इस बीच उन्होंने दुनिया भर की डिप्लोमेसी में भी भूचाल ला दिया है। हाल ही में यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी गई है और ट्रंप ने यूरोपीय लीडर्स के साथ विवाद मोल ले लिया है। ट्रंप से मतभेद के बीच यूरोपीय लीडर्स वोल्डिमिर जेलेंस्की के सपोर्ट में आ गए हैं। इस नए इक्वेशन का फायदा सीधे तौर पर भारत को मिल सकता है और इससे पीएम मोदी अपने देश के लिए अरबों कमाकर ला सकते हैं।

कैसे पैदा  हुआ भारत के लिए अवसर?

दरअसल, यूक्रेन को सपोर्ट को लेकर यूरोपीय यूनियन का ट्रंप से बवाल लगने गया है और ट्रंप ने नाटो की फंडिंग काटने की मंशा जग जाहिर कर दी है। इस बीच अगर यूरोपीय लीडर्स, जेलेंस्की की मदद करना चाहते हैं तो डिफेंस पर खर्चा बढ़ जाएगा। ये देखते हुए EU ने जलेंस्की के साथ एक समिट में फैसला किया है कि सैन्य खर्च में इजाफा किया जाएगा। यहां पर ही भारत के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, जिसके अरबों का फायदा कमाया जा सकता है।

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कहां खड़ा है भारत और EU का रिश्ता?

यूरोप अब अपनी रक्षा के लिए अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता है और ऐसे में भारत पर निर्भता बढ़ाने का अवसर आ सकता है। बता दें कि यूरोपीय यूनियन का पहला डिफेंस और स्पेस यूरोपियन कमिश्नर नियुक्त किया गया है। ये पद एंड्रियस कुबिलियस ने संभाला है और वो डिफेंस कैपेसिटी बढ़ाने की बात कहकर भारत की यात्रा पर भी आ चुके हैं। उन्होंने भारत आने के बाद दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यूरोपियन यूनियन की डिफेंस इंडस्ट्री सप्लाई चेन के लिए भारत बेहद अहम साबित हो सकता है। बता दें कि भारत और यूरोपीय यूनियन ने मुफ्त व्यापार समझौते (FTA) पर काम किया है, जिससे ट्रेड, टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी और डिफेंस को मजबूती मिलेगी।

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भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट कितना तगड़ा?

बता दें कि भारत कई देशों के लिए डिफेंस मैटेरियल सप्लाई करके डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ा रहा है। फ्रांस भारत से मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम पिनाका खरीदने के लिए बातचीत कर रहा और पहली बार अमेरिकी की कंपनी एएम जनरल को एडवांस तोपखाना तोपों की सप्लाई करने के लिए भी भारत की ओर से दस्तावेज साइन हो चुके हैं। ये काम भारत फोर्ज लिमिटेड की सब्सिडियरी कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड को सौंपा गया है।