India News (इंडिया न्यूज), India Glide Bombs: भारत ने हाल के वर्षों में रक्षा तकनीक में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खासकर स्वदेशी हथियारों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, ताकि विदेशी निर्भरता कम की जा सके। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ग्लाइड बम विकसित किए हैं। ये ग्लाइड बम भारतीय वायुसेना की नई ताकत बनने जा रहे हैं। इनसे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर हो रहा है। लगातार स्वदेशी हथियारों का निर्माण किया जा रहा है। हर दिन नई तकनीक को विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। भारत के सुरक्षा बेड़े में एक से एक अत्याधुनिक हथियार शामिल है। भारत के पास ऐसे-ऐसे हथियार है, जिसके छूटते ही चीन-पाकिस्तान की हवा टाइट हो जाएगी।
सुदर्शन ग्लाइड बम
भारत ने सुदर्शन बम के साथ ग्लाइड बम तकनीक की शुरुआत की है। यह लेजर गाइडेड बम है। यह हवा से जमीन पर सटीक बमबारी कर सकता है। जानकारी के अनुसार, सुदर्शन का वजन करीब 450 किलोग्राम यानी 990 पाउंड था। इसके मौजूदा वर्जन की रेंज 9 किलोमीटर है। नए वर्जन की ग्लाइड रेंज को बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया जाएगा।
गौरव ग्लाइड बम
गौरव 1000 किलोग्राम का लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम- LRGB है। इस बम की रेंज 100 किलोमीटर बताई जा रही है। यह GPS गाइडेड है, जो सटीक हमला करने में सक्षम है। हाल ही में अप्रैल महीने में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से इस बम का सफल परीक्षण किया गया था। यह ग्लाइड बम मिसाइलों की जगह लेने की क्षमता रखता है, इसकी कीमत भी मिसाइलों से काफी कम है।
गौतम ग्लाइड बम
गौरव के अलावा डीआरडीओ ने गौतम ग्लाइड बम को भी तैयार किया है। इसे गौरव ग्लाइड बम का हल्का वर्जन माना जा सकता है। इसका वजन करीब 550 किलोग्राम है। इस बम की रेंज 30 किलोमीटर है। यह कम और मध्यम दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता रखता है। गौतम में स्टीयरेबल पंख भी लगे हैं, जिससे इसे हवा में बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
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गरुड़ ग्लाइड बम
गरुड़ ग्लाइड बम भी उन्नत तकनीक से लैस है। हालांकि, इसकी पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन इतना जरूर माना जा रहा है कि गरुड़ बम गौरव और गौतम से दो कदम आगे होगा। यह भारत की रक्षा शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।