India News (इंडिया न्यूज), Malaysia Support India : पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को पूरी तरह से अलग-थलग करने के लिए भारत ने दुनिया भर के देशों में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजा हुआ है, जिनका काम पाक के आतंकी चेहरे को सभी के सामने लाना है और पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सारी जानकारी देना है।

भारत सरकार का ये कदम सही साबित होता हुआ नजर आ रहा है। आतंक के मुद्दे पर कई देशों का भारत को साथ मिला है। अब इस कड़ी में एक और देश शामिल हो गया है। यहां पर हम मलेशिया की बात कर रहे हैं। मलेशिया ने टेररिज्म के खिलाफ भारत के रुख का सपोर्ट करते हुए क्षेत्रीय शांति और समृद्धि पर भी जोर दिया।

आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा – मलेशिया

भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में मलेशिया की राष्ट्रीय एकता उप मंत्री सरस्वती कंडासामी ने हिंसा पर जीरो-टॉलरेंस की नीति दोहराई। मलेशिया ने साफ कहा कि वह आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। कंडासामी ने जोर देकर कहा कि मलेशिया हमेशा हिंसा के खिलाफ खड़ा रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत युद्ध में दिलचस्पी नहीं रखता, बल्कि उसका ध्यान आर्थिक विकास पर है।

आतंक का रास्ता छोड़े पाक, लोगों की तरक्की के लिए करे काम

मलेशिया का मानना ​​है कि पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोड़कर अपने लोगों की प्रगति के लिए काम करना चाहिए। मलेशिया हिंसा की निंदा करने और शांति की वकालत करने के लिए तैयार है। वह गरीबी और संघर्ष के चक्र को तोड़ने के लिए सहयोगियों से मदद के लिए भारत के आह्वान का समर्थन करता है।

जानकारी के लिए बता दें कि जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया के कई नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात की। यह उनके एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया दौरे का आखिरी पड़ाव था। मलेशिया के सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी डीएपी ने भी भारत का समर्थन किया। डीएपी के कुलसेगरन मुरुगेसन ने कहा कि भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए।

2019 में पाक का सपोर्ट कर रहा था मलेशिया

आपको याद दिला दें कि 2019 में भारत-पाकिस्तान को लेकर मलेशिया का रुख बिल्कुल अलग था। उस समय मलेशिया पाकिस्तान और तुर्की के साथ मिलकर इस्लामिक समूह बनाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन दुनिया में भारत के बढ़ते दबदबे को देखते हुए मलेशिया ने अपना रुख बदल लिया है। इसके अलावा 2025 में मलेशिया आसियान का अध्यक्ष होगा। पीएम अनवर इब्राहिम के नेतृत्व में मलेशिया भारत के साथ स्थिरता और विकास के मामले में काम करेगा।

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