India News (इंडिया न्यूज), India Secret Military Bases: चीन द्वारा संभावित सैन्य आक्रमण से बचाव और चीन का मुकाबला करने के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में गुप्त सैन्य अड्डे और बेस बनाए हैं। ये बेस भारत को महत्वपूर्ण रणनीतिक लाभ प्रदान करते हैं, खासकर जब चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति और आक्रामकता के खिलाफ एक मजबूत जवाब तैयार करने की बात आती है। खबरों के मुताबिक, भारत की यह रणनीति दर्शाती है कि वह अपने सैन्य और कूटनीतिक प्रभाव का विस्तार करके चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए तैयार है, और यह दर्शाता है कि भारत चीन की आक्रामक नीतियों से बचने के लिए वैश्विक सहयोग और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
पूरी दुनिया में मौजूद है भारत के सीक्रेट मिलिट्री अड्डे
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत ने सिंगापुर, ताजीकिस्तान, मॉरीशस, सेशेल्स, ईरान, श्रीलंका, ओमान, भूटान और मेडागास्कर में सीक्रेट मिलिट्री अड्डा बनाया है। भारत और सिंगापुर ने एक नौसैनिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है। इस समझौते के तहत, भारतीय नौसेना को सिंगापुर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का अवसर मिलता है। इसके अलावा ताजिकिस्तान में चीन के पश्चिमी क्षेत्र के पास स्थित एक गुप्त हवाई अड्डा, जो भारत को चीन और पाकिस्तान पर दबाव बनाने का अवसर प्रदान करता है।
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इन द्वीपों पर हैं भारत के सैन्य अड्डे
अगर हम मॉरीशस और सेशेल्स की बात करें तो, हिंद महासागर में स्थित इन द्वीपों पर भारत के सैन्य अड्डे हैं, जहां से वह चीन की नौसैनिक गतिविधियों पर नज़र रख सकता है। ईरान (चाबहार बंदरगाह) भारत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का मुकाबला करने के लिए आपसी समझौते के तहत इस बंदरगाह को विकसित करने और संचालित करने के लिए काम कर रहा है। बतातें चलें कि, श्रीलंका और ओमान में भारत की सैन्य उपस्थिति चीन के प्रभाव को सीमित करने में मदद करती है। इसके अलावा मेडागास्कर एक ऐसा जगह है, जो हिंद महासागर में भारत का पहला विदेशी सैन्य अड्डा, जो शिपिंग गतिविधियों पर नज़र रखने का काम करता है।
भारत और भूटान दो गहरे करीब मित्र देश हैं। पुराने समय से चली आ रही रक्षा संधि के तहत भूटान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत की है। इसके लिए भारतीय सेना की ट्रेनिंग विंग का वहां पर स्थाई मुख्यालय है, जो भूटानी सैनिकों को ट्रेंड करती है। साथ ही भारतीय सैनिकों और हथियारों की भी भूटान में प्रभावी मौजूदगी है, जो चीन को आगे बढ़ने से रोकती है।