India News (इंडिया न्यूज), Indus Water Treaty India Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करके भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। इस कदम से भारत ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रहार किया है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं जो यह दर्शाते हैं कि भारत के बांधों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।

हालिया तस्वीरें जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर निर्मित सलाल जलविद्युत परियोजना से आई हैं। बता दें कि भारत में 5,334 बड़े बांध हैं और करीब 447 बांध निर्माणाधीन हैं।

पाकिस्तान में सूखा और अकाल

भारत की तरह पाकिस्तान भी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। लेकिन भारत के विपरीत पाकिस्तान में इतनी नदियां नहीं हैं जिनसे फसलों की सिंचाई की जा सके। पाकिस्तान में भूजल स्तर पहले ही बहुत नीचे चला गया है, ऐसे में सिंधु और उसकी सहायक नदियों का पानी ही पाकिस्तान को सूखे और अकाल से बचाता है। अगर उसे यह पानी नहीं मिला तो उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी।

बता दें कि पाकिस्तान को 80 फीसदी पानी चिनाव, झेलम और सिंधु नदी से मिलता है। पाकिस्तान के केवल पंजाब प्रांत में ही वहां की 85 फीसदी खेती होती है। वहां की 70 फीसदी ग्रामीण आबादी भी केवल इन नदियों पर ही नर्भर करती है। यानि अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोक लिया वहां की नदियों का जल स्तर घट जाएगा और जिससे पाक बुरी तरह प्रभावित होगा।

 

संधि में क्या तय हुआ?


संधि में तय हुआ कि पूर्वी क्षेत्र की तीन नदियों रावी, व्यास और सतलुज पर भारत का अधिकार रहेगा, जबकि पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को दिया जाएगा, लेकिन भारत को इन नदियों के पानी का इस्तेमाल कृषि और दूसरे कामों के लिए करने का अधिकार होगा।

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सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के कुल 16.80 करोड़ एकड़ फीट पानी में से भारत को 3.30 एकड़ फीट पानी दिया गया, जो कुल पानी का 20 प्रतिशत है। बाकी 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया। समझौते के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक स्थायी आयोग का गठन किया गया, जिसे सिंधु आयोग नाम दिया गया। इस समझौते के लिए दोनों पक्षों की ओर से एक-एक आयुक्त नियुक्त किया गया। ये दोनों अपनी-अपनी सरकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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