India News (इंडिया न्यूज), India made First Antibiotic Nafithromycin: आज पूरी दुनिया एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के खतरे से बचने के लिए चिंता कर रही है और एंटीबायोटिक दवाओं के रेसिस्टेंस से निपटने के लिए नई दवाओं को डेवलप करने के बारे में सोच रही है तो वहीं, हमारा देश भारत एक कदम आगे निकलते हुए मेक इन इंडिया पहली एंटीबायोटिक दवा को बना करा हेल्थ सेक्टर में इतिहास रच दिया है। भारत ने देश की पहली स्वदेश निर्मित मैक्रोलाइड एंटीबायोटिक दवा “नैफिथ्रोमाइसिन”(Nafithromycin)  को विकसित किया है जो माइक्रोबियल रेसिस्टेंस से लड़ने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

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दरअसल , सिर्फ भारत में हर साल 6 लाख लोगों की जान रेजिस्टेंट इंफेक्शंस की वजह से जा रही है। मेक इन इंडिया के तहत विकसित नई एंटीबायोटिक दवा BIRAC के आर्थिक सहयोग से बना है। सालों की रिसर्च और शोध के बाद ये परिणाम सामने आया है।इस सरकारी काउंसिल ने बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री प्रोग्राम के तहत फेज 3 के लिए 8 करोड़ रुपए की मदद की है। इसकी वजह से ये दवाई भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी।

ये दवाई नैफिथ्रोमाइसिन मरीजों की समस्या को ना सिर्फ हल करता है, बल्कि, AMR से निपटने में एक कारगर कदम है।स्वदेश निर्मित ये दवा 10 गुना ज्यादा असरदार है और 3 दिन के डोज के बाद मरीजों को ठीक होने काफी कम समय लगता है। इसके साइड इफेक्ट्स काफी कम है और सुरक्षित है, लेकिन, मरीज़ डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें।

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