India News (इंडिया न्यूज़), Gender Equality, दिल्ली: लैंगिक समानता के मामले में भारत की रैंकिंग में कुछ सुधार देखने को मिला है। हालांकि इसके बाद भी दुनिया के मुकाबले में काफी पीछे है। दुनिया के 146 देशों की रैंकिग में भारत का 127 वां स्थान दिया गया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट 2023 में यह रैंकिग दी गई है। साल 2022 में भारत की रैंकिंग 135 पर थी। एक साल में आठ अंकों का सुधार हुआ है।

  • 2022 में 135 नंबर पर
  • आठ अंको का सुधार
  • कई पड़ोसी देशों से भी पीछे

रिपोर्ट में भारत के अंक में 1.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक भागीदारी के मामले में देश में रफ्तार काफी धीमी है। इस मामले में भारत 36.7 प्रतिशत पर ही पहुंच पाया है। वही कुल लिंग अनुपात का अंतर 64.3 प्रतिशत कम कर दिया है।

पड़ोसी देशों से भी पीछे

लैंगिक समानता के मामले में पड़ोसी मुल्क नेपाल, भूटान, चीन, श्रीलंका और बांग्लादेश की रैंकिंग भारत से काफी बेहतर है। इस इंडेक्स में बांग्लादेश को 59वीं, चीन को 107वीं, नेपाल को 116वीं, भूटान को 103 और श्रीलंका को 115वीं रैंक मिली है। वहीं पाकिस्तान को 142वीं रैंक पर रखा गया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर के देशों में सबसे बेहतर प्रदर्शन आइसलैंड का रहा है, जिसने लगातार 14वें साल में 90 प्रतिशत से ज्यादा लिंग अंतर को कम किया है।

वेतन और आय बढ़े

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वेतन और आय के मामले में समानता में बढ़ोतरी हुई है, जबकि बड़े पदों और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी पिछले साल के मुकाबले कम हो गई है। वहीं राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में भारत ने 25.3 प्रतिशत समानता दर्ज की है, यह साल 2006 के बाद सबसे ज्यादा है। भारत, तुर्की और चीन जैसे देशों में सात प्रतिशत से भी कम महिला मंत्री हैं, जबकि अजरबैजान, सऊदी अरब और लेबनान जैसे देशों में महिला मंत्रियों की संख्या शून्य है।

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