India News (इंडिया न्यूज)India Pakistan dispute:कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कहते हैं कि वार्ता किसी तीसरे स्थान पर होनी चाहिए। प्रधानमंत्री इस बारे में भी कुछ नहीं कहते। हमारे विदेश मंत्री दुनिया की बात करते रहते हैं, उपदेश देते रहते हैं, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं कहते। विपक्ष को विश्वास में क्यों नहीं लिया जाता? राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खड़गे एकता की बात करते हैं।”

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कहते हैं कि बातचीत किसी तीसरे स्थान पर होनी चाहिए। प्रधानमंत्री इस पर भी कुछ नहीं कहते। हमारे विदेश मंत्री दुनिया भर की बातें करते रहते हैं, उपदेश देते रहते हैं, लेकिन इस पर कुछ नहीं कहते। विपक्ष को भरोसे में क्यों नहीं लिया जाता? राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खड़गे एकता की बात करते हैं।”

कांग्रेस ‘जय हिंद’ सभाएं करेगी

जयराम रमेश ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी एक पार्टी का एकाधिकार नहीं है। लेकिन अब इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है। इस पर श्रेय लेने की राजनीति की जा रही है। हम देश के करीब एक दर्जन शहरों में ‘जय हिंद’ सभाएं करेंगे और जनता की ओर से सरकार से सवाल करेंगे। शुक्रवार को राहुल गांधी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

अगर यह राजनीतिकरण नहीं है तो क्या है?

उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की है। हमने पहलगाम हमले को लेकर सत्र की मांग की थी। यह देश को यह बताने के लिए है कि हम सब एकजुट हैं। प्रधानमंत्री ने इसका भी कोई जवाब नहीं दिया है। हमें जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री मोदी 25 मई को एनडीए के मुख्यमंत्रियों से मिलने जा रहे हैं। कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्रियों का क्या दोष है? अगर यह राजनीतिकरण नहीं है तो क्या है?

यह प्रधानमंत्री को स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन हमें नहीं

उन्होंने कहा, एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी गंभीर सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं, सर्वदलीय बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं और दूसरी तरफ एनडीए के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, अमेरिका ने न केवल कश्मीर मामले में मध्यस्थता की बात की है बल्कि पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों को एक ही तराजू पर तौलने की कोशिश की है। यह प्रधानमंत्री को स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन हमें नहीं।

भारत के फैसले कौन ले रहा है?

पवन खेड़ा ने कहा, इस देश के फैसले कौन ले रहा है? अमेरिका युद्ध विराम कैसे करवा रहा है? यह बड़ा सवाल है। बैठक में इस पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इसका खंडन क्यों नहीं किया? सीजफायर की शर्तों के बारे में बताइए, भारत सरकार ने पाकिस्तान के सामने क्या शर्तें रखीं। सरकार को बताना चाहिए…

  • क्या पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को भारत को सौंपा जाएगा? क्या सीजफायर में भारत ने ये शर्त रखी थी?
  • क्या इस सीजफायर के दौरान पाकिस्तान में बचे हुए आतंकियों को लेकर कोई फैसला हुआ था कि उन्हें भारत को सौंपा जाएगा? अब हम पूरे देश में ‘जय हिंद’ सभाएं करेंगे और प्रधानमंत्री से सवाल पूछेंगे।

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