India News (इंडिया न्यूज), India Pakistan Tension : 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। भारत सरकार ने भी साफ कर दिया है कि इस बार इस हमले के दोषियों के अलावा उनके आकाओं को भी नहीं बख्शा जाएगा। मोदी सरकार पहले ही पाकिस्तान पर कूटनीतिक हमला कर चुकी है, जिसमें सिंधु जल संधि को रोकना भी शामिल है। इसके बाद से ही पड़ोसी देश में हड़कंप मचा हुआ है। गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने भी चेतावनी दी थी कि कायराना हमले करने वालों से चुन-चुन कर बदला लिया जाएगा।

इससे पाकिस्तान में खौफ और भी बढ़ गया है। लेकिन अब जो खबरें सामने आ रही हैं, उनके मुताबिक भारत ने टेररिस्तान पर अलग तरीके से हमला करने का फैसला किया है। इसमें पड़ोसी देश को फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करवाने की कोशिश और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद को रोकना शामिल है।

पाकिस्तान को लेकर क्या है भारत का प्लान?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF में पाकिस्तान को फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करवाने के लिए भारत अब दूसरे सदस्य देशों से समर्थन जुटा रहा है। पाकिस्तान जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में था, जिसका उसके विदेशी निवेश और फंडिंग पर बड़ा असर पड़ा था। इसके अलावा भारत IMF की ओर से पाकिस्तान को दी जा रही 7 अरब डॉलर की मदद पर भी आपत्ति जताएगा।

यह मदद जुलाई 2024 से शुरू होकर 37 महीने तक चलेगी। इस योजना के तहत छह समीक्षा बैठकें होती हैं, जिसके आधार पर पाकिस्तान को अगली किस्त मिलती है। भारत का आरोप है कि इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद और अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है। ऐसे में भारत मई में IMF की बोर्ड मीटिंग में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहा है।

पाकिस्तान को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में कैसे शामिल करेगा भारत?

जानकारी के लिए बता दें कि FATF में किसी देश को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए औपचारिक प्रस्ताव की जरूरत होती है, जिसे सदस्य देशों की मंजूरी मिलनी होती है। FATF की निर्णय लेने वाली इकाई ‘प्लेनरी’ साल में तीन बार फरवरी, जून और अक्टूबर में मिलती है। इस प्रक्रिया के लिए भारत को पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना होगा।

वैसे भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि पहलगाम हमले के बाद अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय आयोग, सऊदी अरब और यूएई समेत 23 सदस्य देशों ने अपनी सहानुभूति जताई है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। तो इस हिसाब से यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं होना चाहिए।

आपको बता दें कि भारत के लिए प्लस पॉइंट यह है कि वह FATF और एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) दोनों का सदस्य है। वहीं पाकिस्तान की बात करें तो वह सिर्फ APG का सदस्य है। इससे भारत को वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की गतिविधियों पर आपत्ति जताने का औपचारिक अधिकार भी मिल जाता है।

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