India News (इंडिया न्यूज), BrahMos Supersonic Cruise Missile : ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी आतंकियों और वहां की सेना को तबाह करके भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने दुनिया को अपनी ताकत दिखा दी है। भारतीय सेना अब उसे और भी ज्यादा घातक बनाने में लगी हुई है। इसी कड़ी में भारत ने अंडमान सागर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विस्तारित रेंज (Extended Range) वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया है।
ये परीक्षण और भी ज्यादा खास इसलिए रहा क्योंकि इसमें मिसाइल ने बिना वारहेड के वर्टिकल स्टीप डाइव (90 डिग्री कोण पर गोता) मोड में लक्ष्य को सटीकता से भेदा। इससे भारत की रक्षा क्षमता और भी ज्यादा मजबूत हो गई है।
क्या है वर्टिकल स्टीप डाइव मोड?
आपको बता दें कि वर्टिकल स्टीप डाइव मोड ब्रह्मोस की एक खास क्षमता है, जिसमें मिसाइल लगभग 90 डिग्री के कोण पर लक्ष्य की ओर गोता लगाती है। यह तकनीक इसे पहाड़ी इलाकों, गुफाओं और छिपे हुए ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम बनाती है। सामान्य क्रूज मिसाइलें सपाट या कम कोण पर उड़ती हैं, लेकिन स्टीप डाइव मोड में मिसाइल सीधे ऊपर से लक्ष्य पर हमला करती है, जिससे बचाव मुश्किल हो जाता है।
इससे पहले 5 सितंबर 2010 को ब्रह्मोस ने पहली बार सुपरसोनिक गति से स्टीप-डाइव मोड का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन तब से इसकी क्षमता को और उन्नत किया गया है। अब यह 90 डिग्री तक गोता लगा सकती है, जिससे दुश्मन का बचकर भागना नामुमकिन हो जाता है।
ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत
ब्रह्मोस भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। 1998 में स्थापित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इस परियोजना का नेतृत्व करता है। इसका पहला परीक्षण 2001 में हुआ था। तब से इसे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल किया गया है। इसकी गति की बात करें तो यह मैक 2.8-3.5 (करीब 3430-4300 किमी/घंटा) है।
वहीं, सामान्य संस्करण में इसकी रेंज 290 किमी, विस्तारित रेंज में 450-800 किमी है। यह 200-300 किलोग्राम (पारंपरिक या परमाणु) वारहेड ले जा सकता है। इसे कहीं से भी दागा जा सकता है- जमीन, समुद्र, हवा (सुखोई-30 एमकेआई) और पनडुब्बी।
विस्तारित रेंज के साथ, ब्रह्मोस अब पाकिस्तान और चीन के गहरे इलाकों में लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है, जिससे भारत की जवाबी हमला करने की क्षमता बढ़ गई है। इसके अलावा, इसका तीव्र गोता मोड इसे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी प्रभावी बनाता है, जहां दुश्मन छिपे हुए ठिकानों का उपयोग कर सकते हैं।
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