India News (इंडिया न्यूज)India Vs Pakistan: आज अगर कोई कहे कि पाकिस्तान अब अपनी बदहाली के लिए ही नहीं बल्कि अपने जहरीले इरादों के लिए भी जाना जाता है, तो गलत नहीं होगा। एक तरफ भारत है, जिसने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी बनकर बाजारों में अपनी जगह बनाई, वहीँ दूसरी तरफ पाकिस्तान है, जिसे दुनिया अब टेरेरिज्म की फैक्ट्री कहती है।
आजादी के समय दोनों देश लगभग एक जैसे हालात में थे, टूटे हुए ढांचे, खाली खजाना और विदेशी मदद की उम्मीद, लेकिन भारत ने अपनी प्राथमिकताएं तय कीं। भारत ने शिक्षा, तकनीक, उद्योग और लोकतंत्र पर ध्यान केंद्रित किया। 1991 के आर्थिक संकट ने देश को हिलाकर रख दिया, लेकिन यहीं से सुधारों का रास्ता भी खुला। आज भारत के पास 688 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा है, जबकि पाकिस्तान सिर्फ 15 बिलियन पर सिसक रहा है।
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पाकिस्तान ने आतंक का रास्ता चुना
पाकिस्तान ने जो रास्ता चुना, वह डेवलपमेंट का नहीं बल्कि विनाश का था। सेना शासन करती रही, सियासत गुमराह होती रही और धार्मिक कट्टरता को पनाह मिलती रही। यहाँ आतंकवाद को खुलेआम समर्थन दिया गया और इसका रिजल्ट यह निकला कि पाकिस्तान में न सिर्फ कट्टरपंथ बढ़ा बल्कि भारत को भी इसके जख्म सहने पड़े। मुंबई हमले, उरी, पठानकोट और पुलवामा जैसी घटनाओं के जरिए पाकिस्तान ने दुनिया के सामने अपने नापाक इरादों को उजागर कर दिया।
आईटी, फार्मा, स्टार्टअप ने भारत को गौरवान्वित किया
भारत ने जहां आईटी, फार्मा, स्टार्टअप और सर्विस सेक्टर में अपनी पहचान बनाई, वहीं पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था कपड़ों और रेमिटेंस पर निर्भर रही। आईएमएफ से 20 बार कर्ज लेने के बाद भी देश की हालत नहीं सुधरी, क्योंकि नीति में नीयत नहीं थी। आज भारत के पास वैश्विक निवेशक हैं, अरबों डॉलर की टेक कंपनियां हैं और युवा वर्ग है जो विश्व पटल पर नाम कमा रहा है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अब न सिर्फ आर्थिक रूप से बर्बाद बल्कि आतंकवाद की नर्सरी के रूप में भी जाना जाता है। कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा और एफएटीएफ जैसी संस्थाओं ने उसे निगरानी सूची में डाल दिया।