India News (इंडिया न्यूज), India To Purchase Rafale Fighter Jets: भारतीय वायुसेना में एक चिंता लगातार बनी हुई है कि उसके पास लगातार लड़ाकू विमान कम हो रहे हैं। इसलिए विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है। ये तब और बढ़ जाती है जब चीन लगातार अपनी वायुसेना को मजबूत कर रहा है। इस बीच रक्षा से जुड़ी एक वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत सरकार ने फ्रांस से 40 और राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया है।
भारत और फ्रांस के बीच यह डील गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (G2G) के रूप में होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के रक्षा मंत्री 28 या 29 अप्रैल को भारत आ रहे हैं। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच भारतीय नौसेना के लिए राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर समझौता होगा। इन राफेल मरीन फाइटर जेट्स को भारत के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात किया जाएगा।
रिपोर्ट में किया गया है दावा
भारत शक्ति की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत और फ्रांस के बीच उच्च स्तरीय वार्ता हुई है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे भारत में बनने वाले हेलीकॉप्टरों के लिए फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान से इंजन खरीदना और भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बैच खरीदना।
इस समझौते को फिलहाल फास्ट-ट्रैक एमआरएफए-प्लस डील का नाम दिया गया है। आपको बता दें कि एमआरएफए (मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) कार्यक्रम के तहत भारत 114 लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है और इसे लेकर कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।
भारत सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम
मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) परियोजना के तहत भारत को 114 लड़ाकू विमान खरीदने हैं, लेकिन अभी तक इसके लिए सरकार की ओर से कोई टेंडर जारी नहीं किया गया है। हालांकि, सूत्रों ने बताया है कि भारतीय वायुसेना की तत्काल जरूरतों को देखते हुए और राफेल विमानों के साथ पहले से स्थापित तालमेल के कारण सरकार ने सीधे राफेल विमान खरीदने का फैसला किया है। इस बातचीत से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह सिर्फ खरीद नहीं बल्कि एक बड़ी रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जो भविष्य में भी जारी रहेगी।”
भारतीय वायुसेना को और मजबूत बनाया जाएगा!
भारतीय वायुसेना को पूरी तरह से ताकतवर बनाए रखने के लिए उसके पास कम से कम 42.5 स्क्वाड्रन होने चाहिए, लेकिन फिलहाल सिर्फ 31 स्क्वाड्रन ही मौजूद हैं। ऐसे में अगर चीन और पाकिस्तान के साथ एक साथ युद्ध की स्थिति बनती है तो भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वायुसेना के कई रिटायर्ड अफसरों ने तो इस स्थिति को ‘आपातकाल’ तक कह दिया है।
इस साल की शुरुआत में वायुसेना मार्शल एपी सिंह ने भी कहा था कि पुराने विमानों के रिटायर होने की वजह से हर साल 35-40 नए लड़ाकू विमान शामिल करना जरूरी है, ताकि ताकत में कमी न आए। दूसरी ओर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने 2030 तक 97 तेजस एमके-1ए जेट देने की योजना बनाई है, लेकिन उत्पादन की धीमी रफ्तार की वजह से यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लग रहा है।