India News (इंडिया न्यूज), Indian navy: हाल ही में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड ने समुद्र में दो बड़े ड्रग्स स्मगलिंग ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक नाकाम किया है। इन ऑपरेशन्स के तहत कुल मिलाकर 6000 किलोग्राम ड्रग्स की तस्करी की कोशिश को विफल किया गया। इन दोनों ऑपरेशन्स में भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और उच्चस्तरीय निगरानी ने तस्करों की योजनाओं को ध्वस्त कर दिया। पहला ऑपरेशन श्रीलंकाई समुद्री तस्करों के खिलाफ था भारतीय नौसेना को सूचना मिली थी कि अरब सागर में एक श्रीलंकाई फिशिंग बोट पर ड्रग्स की तस्करी हो सकती है।

श्री लंका की नौसेना ने दी थी टिप

यह टिप श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय नौसेना को दी थी। सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना ने अपनी एयरक्राफ्ट और ड्रोन की मदद से समुद्र में विस्तृत निगरानी शुरू की। लंबी निगरानी के बाद, 24-25 नवंबर को भारतीय नौसेना ने दो श्रीलंकाई फिशिंग बोट्स को पहचान लिया और उन्हें रोका। तलाशी के दौरान इन बोट्स से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग्स बरामद हुआ। यह ड्रग्स समुद्री तस्करी के लिए भेजे जा रहे थे। पकड़ी गई बोट्स और ड्रग्स को अब श्रीलंकाई अधिकारियों के हवाले किया जाएगा।

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5500 किलोग्राम मेटाफेटामाइन की बरामदी

दूसरी बड़ी कार्रवाई बंगाल की खाड़ी में हुई, जहां भारतीय कोस्ट गार्ड ने एक म्यांमार की फिशिंग बोट को संदिग्ध मानते हुए उसकी तलाशी ली। 23 नवंबर को अंडमान और निकोबार के पास डॉर्नियर एयरक्राफ्ट ने इस बोट को नोटिस किया। तत्काल कार्रवाई करते हुए कोस्ट गार्ड ने बोट को रोका और उसमें से 5500 किलोग्राम मेटाफेटामाइन बरामद किया। इसे पिंक ड्रग या जाबा के नाम से भी जाना जाता है, और यह एक बेहद खतरनाक नशे की सामग्री है।

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दो बड़े ऑपरेशन्स में 6000 किलोग्राम ड्रग्स की बरामदी

इन दोनों ऑपरेशन्स के माध्यम से भारतीय सुरक्षा बलों ने कुल 6000 किलोग्राम ड्रग्स की तस्करी की कोशिश को नाकाम किया। इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड समुद्री सुरक्षा और तस्करी रोधी कार्यों में अत्यधिक सख्त और चौकस हैं। खासकर, 26/11 के मुंबई हमले के बाद से समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिससे तस्करों के लिए समुद्र के रास्ते तस्करी करना अब मुश्किल हो गया है।