India News (इंडिया न्यूज), Indo-Pak War Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव ने केवल सीमा पर नहीं बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजारों पर भी गहरा प्रभाव डाला है। गुरुवार को हुई घटनाओं और संघर्षों के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं। इस बढ़ते तनाव का असर शेयर बाजार पर भी साफ नजर आ रहा है। बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला डर का पैमाना यानी “India VIX” शुक्रवार को करीब 5% चढ़ गया, जो अगले 30 दिनों में और अधिक जोखिम और अनिश्चितता की ओर संकेत करता है।
India VIX में अचानक बढ़ोतरी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, India VIX इंडेक्स 4.65% की वृद्धि के साथ 21.99 पर पहुंच गया। यह इंडेक्स निफ्टी-50 ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर आने वाले बाजार के उतार-चढ़ाव को मापता है। VIX इंडेक्स में यह वृद्धि दर्शाती है कि निवेशकों के बीच घबराहट बढ़ रही है और अगले 30 दिनों में बाजार और अधिक अस्थिर रह सकता है।
बाजार की सेहत को समझने का तरीका
Indian VIX को साधारण शब्दों में बाजार की “डर” का सूचक कहा जा सकता है। इसका पूरा नाम “Volatility Index” है। जब यह इंडेक्स 15 के आसपास होता है, तो माना जाता है कि बाजार स्थिर है और निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। वहीं, जैसे-जैसे यह सूचकांक बढ़ता है, इसका मतलब है कि बाजार में अस्थिरता और गिरावट की संभावनाएं बढ़ रही हैं। 21.99 तक पहुंचने का मतलब है कि निवेशकों के बीच चिंता चरम पर है।
बाजार पर दिखा तनाव का असर
बढ़ते VIX इंडेक्स का असर शुक्रवार को शेयर बाजार में साफ नजर आया। BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिली। गुरुवार के आखिरी कारोबारी घंटे में दोनों सूचकांक फिसलने लगे थे और शुक्रवार को यह गिरावट और तेज हो गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में ही 800 अंकों की गिरावट के साथ 78,968.34 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 250 अंकों की गिरावट के साथ 23,935.75 तक टूट गया।
निवेशकों को भारी नुकसान
पिछले दो दिनों की इस गिरावट ने शेयर बाजार के निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अनुमान के मुताबिक, निवेशकों के करीब 9 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं बल्कि निवेशकों के मनोबल पर भी गहरी चोट है।
क्या हो सकते हैं आगे के संकेत?
India VIX में हुई वृद्धि और बाजार की मौजूदा अस्थिरता यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार और अधिक दबाव में रह सकता है। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक परिस्थितियों का असर भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार पर पड़ना तय है।
निवेशकों के लिए क्या सावधानियां?
- लघु अवधि के निवेश से बचें: बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए फिलहाल लघु अवधि के निवेश से बचना ही बेहतर होगा।
- सुरक्षित विकल्प चुनें: गवर्नमेंट बॉन्ड, गोल्ड या अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों पर ध्यान दें।
- मार्केट मॉनिटरिंग: बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखें और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही निर्णय लें।
- जोखिम प्रबंधन: अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें ताकि जोखिम को कम किया जा सके।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भारतीय शेयर बाजार को अस्थिर कर दिया है। India VIX में वृद्धि और बाजार में गिरावट निवेशकों के लिए आने वाले दिनों में और अधिक सावधानी बरतने की चेतावनी देती है। ऐसे समय में सतर्कता और समझदारी से लिए गए निवेश निर्णय ही निवेशकों को इस कठिन दौर से बचा सकते हैं।