India News (इंडिया न्यूज), Iran-Pakistan Statement: ईरान और पाकिस्‍तान ने एक संयुक्‍त बयान जारी करके कश्‍मीर और गैस पाइपलाइन पर अपनी राय रखी है। इस बयान में कहा गया है कि कश्‍मीर के मुद्दे का शांतिपूर्वक तरीके से समाधान किया जाना चाहिए। वहीं गैस पाइपलाइन का भी ईरान और पाकिस्‍तान ने जिक्र किया है। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़े और अब एक समझौते पर पहुंचे हैं। आइए इस खबर में आपको बताते हैं कि दोनों देशों के बीच किन मुद्दों के ऊपर बात की गई।

ईरान और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते

पाकिस्‍तान की यात्रा पर पहुंचे ईरान के राष्‍ट्रपति इब्राहिम राईसी 3 दिन रहने के बाद अब श्रीलंका के लिए निकल चुके हैं। राईसी के रवाना होने के बाद ईरान और पाकिस्‍तान ने एक संयुक्‍त बयान जारी किया है। इस बयान में ईरान ने कश्‍मीर के मुद्दे पर अपनी राय व्‍यक्त की है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में कहा गया है कि दोनों ही देशों ने कश्‍मीर मुद्दे के समाधान बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से वहां के लोगों की इच्‍छा तथा अंतरराष्‍ट्रीय कानून के मुताबिक करने पर जोर दिया गया है। इससे पहले राईसी ने संवाददाता सम्‍मेलन के दौरान शहबाज शरीफ के कश्‍मीर का जिक्र करने पर उससे किनारा कर लिया था जिससे दुनिया के सामने पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री की भारी बेइज्‍जती हुई थी।

इन मुद्दों का हुआ जिक्र

इसमें दोनों पक्षों ने मुक्‍त व्‍यापार समझौते, ईरान-पाकिस्‍तान गैस पाइपलाइन, कश्‍मीर, अफगानिस्‍तान, इस्‍लामोफोबिया, आतंकवाद निरोधक सहयोग का जिक्र किया है। इसके साथ ही कश्‍मीर पर ईरान और पाकिस्‍तान ने कहा, कि ‘दोनों पक्षों ने कश्‍मीर के मुद्दे को बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर जोर दिया जो वहां के लोगों की इच्‍छा और अंतरराष्‍ट्रीय कानून के मुताबिक हो।’ ईरान के इस बयान को काफी नपा तुला माना जा रहा है जिससे दोस्‍त भारत को कोई खास दिक्‍कत नहीं होनी चाहिए।
शहबाज का उड़ा मजाक
इस तरह से चौतरफा किरकिरी के बाद पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय ने किसी तरह से ईरान को कश्‍मीर पर बयान देने के लिए मनाया। वह भी तब जब शहबाज शरीफ ने ईरान और भारत की दोस्‍ती में दरार डालने के लिए राईसी के सामने कश्‍मीर का राग अलापना शुरू कर दिया था। शहबाज शरीफ ने कश्‍मीर की तुलना गाजा के हालात करने की नाकाम कोशिश की। ईरानी राष्‍ट्रपति ने पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री की चाल को भांपते हुए कश्‍मीर का कहीं भी जिक्र तक नहीं किया। इस बात को लेकर शहबाज सरकार की जमकर किरकिरी हुई।