India News (इंडिया न्यूज),Delhi AAP Government: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच विवाद अक्सर विवाद बना रहता है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के साथ ही उपराज्यपाल से किसी न किसी मुद्दे पर खींचतान चल रही है। अब दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच एक और विवाद खड़ा हो गया है, दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को यानी आज है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट मंत्रियों को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है।
अभी तक तो हर बार सभी कैबिनेट मंत्रियों को आमंत्रित किया जाता था। इस बार सिर्फ मुख्यमंत्री को ही शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का एलजी हाउस से निमंत्रण मिला है। इस पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई है। आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया है।
आप ने लोकतंत्र की हत्या करने का लगाया आरोप
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की छठी सीट के लिए वोटिंग को लेकर उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच विवाद खड़ा हो गया था। दिल्ली नगर निगम की मेयर शेली ओबेरॉय द्वारा दिल्ली नगर निगम की कार्यवाही 5 अक्टूबर तक स्थगित करने के बावजूद उपराज्यपाल ने रात में चुनाव कराने का आदेश दिया था। हालांकि, आप के विरोध के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था। लेकिन अगले दिन चुनाव हुए और आप और कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया। आप ने उपराज्यपाल पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था।
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केजरीवाल ने भी उपराज्यपाल पर लगाया था आरोप
जानकारी के लिए बता दें कि, वीके सक्सेना ने पिछले साल मई में उपराज्यपाल का कार्यभार संभाला था। आप सरकार ने सक्सेना पर दिल्ली सरकार के रोजमर्रा के कामों में दखल देने का आरोप बार-बार लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक बार यहां तक आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल ने उनकी सरकार को दरकिनार करते हुए “लगभग हर” विषय पर मुख्य सचिव को आदेश जारी किए। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।
दिल्ली आबकारी नीति पर हुआ था विवाद
LG और आप सरकार के बीच विवाद उस समय चरम पर पहुंच गया था, जब LG ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी, जिसके चलते पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बाद में केजरीवाल समेत कई आप नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल मनीष सिसोदिया और केजरीवाल दोनों ही जमानत पर हैं। जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और फिलहाल आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं, लेकिन विवाद अभी भी जारी है।
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