India News ( इंडिया न्यूज़ ), Israel-Hamas War:  इजरायल हमास के बीच 7 अक्टूबर से जंग जारी है। इसी बीच आज (मंगलवार) हमास प्रमुख ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमास इजरायल के साथ संघर्ष विराम समझौता करना चाहती है। वहीं इजरायल द्वारा लगातार गाजा पर घातक हमले दागे जा रहे हैं। इस्माइल हनीयेह ने अपने सहयोगी द्वारा रॉयटर्स को भेजे गए एक बयान में कहा कि हमास के अधिकारी इज़राइल के साथ एक संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के करीब हैं ।

पहले की तुलना में अब करीब

वहीं सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि उनका मानना है कि जल्द ही समझौता होगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गाजा में रखे गए कुछ बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने और लड़ाई को रोकने के उद्देश्य से एक समझौते के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “हम पहले की तुलना में अब करीब हैं। जिससे घिरे इलाके में बहुत आवश्यक सहायता मिल सकेगी।”

आईसीआरसी का आया बयान

हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमले के दौरान लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया था। वहीं इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे। जिनेवा स्थित आईसीआरसी ने एक बयान में कहा, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के अध्यक्ष मिर्जाना स्पोलजारिक ने संघर्ष से संबंधित “मानवीय मुद्दों को आगे बढ़ाने” के लिए सोमवार को कतर में हनियेह से मुलाकात की है। उन्होंने कतर के अधिकारियों से भी अलग से मुलाकात की। एक आसन्न बंधक सौदे की चर्चा कई दिनों से घूम रही है।

हर बात पर सहमति जरुरी

संयुक्त राज्य अमेरिका में इजरायल के राजदूत माइकल हर्ज़ोग ने रविवार को एबीसी के “दिस वीक” में कहा कि उन्हें “आने वाले दिनों में” एक समझौते की उम्मीद है। जबकि कतर के प्रधान मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने कहा कि शेष बचे बिंदु “बहुत मामूली” थे ।”  व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने रविवार को एनबीसी के “मीट द प्रेस” कार्यक्रम में कहा, “इस तरह की संवेदनशील बातचीत अंतिम समय में विफल हो सकती है।” “जब तक हर बात पर सहमति न हो तब तक किसी बात पर सहमति नहीं होती।”

इजरायल का सबसे घातक दिन

7 अक्टूबर को हमास की ओर से किया गया हमला इज़राइल के 75 साल पुराने इतिहास का सबसे घातक दिन था। तब से गाजा की हमास द्वारा संचालित सरकार ने कहा कि इजरायली बमबारी से कम से कम 13,300 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। जिनमें कम से कम 5,600 बच्चे और 3,550 महिलाएं शामिल हैं।

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