India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच चल रहे लड़ाई के बीच जम्मू-कश्मीर सीमा पर लगभग तीन साल से जारी संघर्ष के विराम के उल्लंघन को लेकर अब भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसमें गहरी साजिश के रूप में देख रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार मिली जानकारी में बताया गया कि, गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों के बाद अब फलस्तीन के लिए मुस्लिम देशों में जुट रहे समर्थन को देखते हुए पाकिस्तान अब कश्मीर के मुद्दे को भी चर्चा के केंद्र में लाने की नापाक कोशिश में जुटा है।

पाक ने कश्मीर के मुद्दे को उठाया था संयुक्त राष्ट्र के मंच पर

बता दें कि, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, फरवरी 2021 में पाकिस्तान की पहल पर ही संघर्ष विराम का समझौता किया गया था और अचानक से उसको पीछे हटने का कोई तात्कालिक कारण नहीं है। ध्यान देने की बात यह है कि पिछले दिनों इजरायल-फलस्तीन विवाद पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के समय भी पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था। लेकिन भारत ने इसे जवाब देने लायक भी नहीं करार दिया था और उस समय किसी अन्य देश से भी पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला था।

मुस्लिम देशों समर्थन जुटाने में रहा विफल पाकिस्तान

इसके साथ ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी से वरिष्ठ अधिकारी ने सीमा पार से आ रही खुफिया जानकारी को लेकर कहते हैं कि, सीमा पर भारी फायरिंग के पीछे पाकिस्तान का असली उद्देश्य दुनिया के ध्यान को कश्मीर मुद्दे की ओर लाना है। वहां 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पाकिस्तान ने इसके लिए बहुत सारी कोशिशें की थी, लेकिन मुस्लिम देशों का भी समर्थन जुटाने में बुरी तरह से विफल रहा था।

पाक फलस्तीन विवाद का उठाना चाहता है फायदा

अधिकारी के मुताबिक, हमास के आतंकी हमले और उसके खिलाफ इजरायल की कार्रवाई किये जाने के बाद फलस्तीन विवाद पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बन गया है और पाकिस्तान इसका फायदा उठाने की योजना बना रहा है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी पाकिस्तान सीमा पर फायरिंग का सहारा लेते हुए कश्मीर के मुद्दे को जिंदा रखने की नाकाम कोशिश पहले ही कर चुका है।

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