India News (इंडिया न्यूज),INSAT-3DS: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मौसम संबंधी उपग्रह INSAT-3DS को भूस्थैतिक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करके एक और सफलता हासिल की। इसरो ने गुरुवार को कहा कि मिशन के सभी चार लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) फायरिंग पूरे हो गए हैं। INSAT-3DS के 28 फरवरी तक कक्षा में परीक्षण (IOT) तक पहुंचने की उम्मीद है।

इसरो ने तीसरी पीढ़ी का मौसम अवलोकन उपग्रह किया था लांच

इससे पहले शनिवार को इसरो ने तीसरी पीढ़ी का मौसम अवलोकन उपग्रह INSAT-3DS लॉन्च किया था। जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV)-F14 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से INSAT-3DS के साथ उड़ान भरी। लगभग 20 मिनट की उड़ान के बाद 2274 किलोग्राम वजनी INSAT-3DS को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया गया।

INSAT का मतलब इंडियन नेशनल सैटेलाइट सिस्टम है। मिशन का उद्देश्य उन्नत मौसम संबंधी डेटा, भूमि और महासागर सतहों की निगरानी, मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी के लिए INSAT-3D (2013 में लॉन्च) और INSAT-3DR (सितंबर 2016 में लॉन्च) को सेवाओं की निरंतरता प्रदान करना है। इस मिशन की अवधि लगभग 10 वर्ष होने की उम्मीद है।

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