ISRO Launches: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज अपने 36 वनवेब इंटरनेट उपग्रहों (Satellites) को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया है। इस पहल में ISRO ने भारत के सबसे भारी लॉन्च रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क-III (LVM-III) से लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) पर लॉन्च किए है और इतिहास रचा है। बता देें सुबह 8.30 बजे से रॉकेट लॉन्च करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है।
दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च हुआ रॉकेट
बता दें ISRO के SDSC-SHAR के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 9 निर्धारित किया गया था। उलटी गिनती के दौरान रॉकेट और सैटेलाइट सिस्टम की जांच की गई और इसके बाद रॉकेट के लिए ईंधन भरा गया। 43.5 मीटर लंबा और 643 टन वजनी भारतीय रॉकेट LVM3 श्रीहरिकोटा स्थित रॉकेट पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। 5,805 किलोग्राम वजन वाला यह रॉकेट ब्रिटेन (UK) स्थित नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में ले गया है। इससे पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में उपग्रहों के समूह की पहली पीढ़ी पूरी हो जाएगी।
20 मिनट बाद अलग हो जाएंगे उपग्रह
LVM3 एक तीन चरणों वाला रॉकेट है, जिसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन द्वारा संचालित दो स्ट्रैप-ऑन मोटर, तरल ईंधन द्वारा संचालित दूसरा और क्रायोजेनिक इंजन होता है। ISRO के भारी भरकम रॉकेट की क्षमता एएलईओ तक 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन वजन ले जाने की है। इसरो ने इस रॉकेट मिशन का नाम LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 मिशन रखा है। रॉकेट लॉन्च होने के ठीक 19 मिनट बाद, सैटेलाइट्स के अलग होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 36 सैटेलाइट्स अलग-अलग चरणों में पृथक होंगे।
कौन है One Web कंपनी?
जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटिश स्टार्ट अप कंपनी One Web में एयरटेल यानि भारती एंटरप्राइजेज शेयरहोल्डर है। वनवेब के साथ ISRO की दो डील हुई हैं। इस रॉकेट में दूसरी बार निजी कंपनी का कोई सैटेलाइट ले जा रहा है और इसका सक्सेस रेट 100 फीसदी रहा है। इस सफल अभियान से दुनिया के हर हिस्से में स्पेस आधार ब्रॉडबैंड इंटरनेट योजना में मदद मिलेगी।
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