India News (इंडिया न्यूज), ISRO New Mission: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक और कमाल कर दिखाया है। आपको बता दें कि इसरो ने लॉक्स केरोसिन 200T थ्रस्ट सेमीक्रायोजेनिक इंजन का पहला बड़ा परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। यह परीक्षण तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में किया गया। इसकी सफलता से भारत को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए अधिक शक्तिशाली और कुशल इंजन बनाने में काफी मदद मिलेगी।
इसरो ने की ये घोषणा
इसरो ने 2,000 kN हाई थ्रस्ट सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की घोषणा की है। यह इंजन लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) के सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर स्टेज में मदद करेगा। इसरो ने कहा कि सेमीक्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के कार्यक्रम में पहली बड़ी सफलता 28 मार्च 2025 को मिली जब तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA) का पहला हॉट टेस्ट सफल रहा।
क्या था इस परीक्षण का उद्देश्य?
अंतरिक्ष एजेंसी ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार (28 मार्च, 2025) को हुए परीक्षण में 2.5 सेकंड की परीक्षण अवधि के लिए इंजन के सुचारू इग्निशन और बूस्ट स्ट्रैप मोड संचालन का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बताया गया कि इस परीक्षण का उद्देश्य 2.5 सेकंड की छोटी अवधि में हॉट-फायरिंग द्वारा प्री-बर्नर, टर्बो पंप, स्टार्ट सिस्टम और कंट्रोल कंपोनेंट जैसे महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के एकीकृत प्रदर्शन को प्रमाणित करना था। बयान में कहा गया, ‘परीक्षण पूर्वानुमान के अनुसार हुआ और इंजन के सभी पैरामीटर उम्मीद के मुताबिक थे। इस सफलता के साथ, इसरो पूरी तरह से एकीकृत इंजन बनाने से पहले इसके प्रदर्शन को और प्रमाणित करने और निखारने के लिए पीएचटीए पर कई परीक्षण करने की योजना बना रहा है।’
भविष्य के मिशनों में मिलेगी मदद
इसरो ने कहा कि इसरो का लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) एक सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपल्शन इंजन और स्टेज विकसित कर रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 2,000 kN सेमी-क्रायोजेनिक इंजन (SE2000) द्वारा संचालित स्टेज (SC120) पेलोड वृद्धि के लिए LVM-3 के वर्तमान कोर लिक्विड स्टेज (L110) की जगह लेगा और भविष्य के लॉन्च वाहनों के बूस्टर स्टेज को शक्ति प्रदान करेगा। सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदन गैर-विषाक्त और गैर-खतरनाक प्रणोदक (तरल ऑक्सीजन और केरोसिन) का उपयोग करता है और वर्तमान L110 चरण की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करता है।