India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025:’महाकुंभ 2025′ में देश-दुनिया से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चल रहे महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब तक 50 करोड़ को पार कर गई है। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अनूठी मिसाल कायम की है। 50 करोड़ से अधिक की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन के लिए एक रिकॉर्ड है। यह अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी भागीदारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की व्यवस्थाओं और प्रयासों के कारण देश की प्राचीन परंपरा ने पूरी दुनिया को दिव्यता और भव्यता से मंत्रमुग्ध कर दिया है।
महाकुंभ में बने इस रिकॉर्ड और दुनिया के तमाम देशों की आबादी की बात करें तो अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में जनसंख्या के लिहाज से टॉप 10 देश भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) हैं।
दूसरी तरफ, अगर महाकुंभ में अब तक आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर नजर डालें तो सिर्फ भारत और चीन की आबादी ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं से ज्यादा है। जबकि अमेरिका, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, रूस, ब्राजील, बांग्लादेश और मैक्सिको की जनसंख्या भी इससे काफी पीछे है। यह बताता है कि महाकुंभ महज एक पर्व नहीं बल्कि सनातन धर्म के विशाल स्वरूप का प्रतीक है।
संगम में साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों के स्नान ने उस ऊंचाई को पार कर लिया है, जिसकी उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। सीएम योगी ने शुरुआत में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। उनका अनुमान 11 फरवरी को ही सही साबित हुआ। 14 फरवरी को यह संख्या 50 करोड़ को पार कर गई। महाकुंभ में अभी 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान बाकी है। इसे देखते हुए उम्मीद है कि यह संख्या 55 से 60 करोड़ से ऊपर जा सकती है।
मौनी अमावस्या पर 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
मौनी अमावस्या पर 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मकर संक्रांति के अवसर पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 1 फरवरी और 30 जनवरी को 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई, जबकि पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। वहीं माघी पूर्णिमा पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।