घाटी में चुनाव कराने का रास्ता साफ

इंडिया न्यूज, श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने आज केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर तैयार की अपनी अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आयोग को छह मई तक यह रिपोर्ट सौंपनी थी। इससे पहले मसौदा रिपोर्ट जारी कर जम्मू कश्मीर से सुझाव लिए गए थे। आयोग की रिपोर्ट के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में घाटी में चुनाव का बिगुल भी जल्द ही सुनाई दे सकता है।

परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से 7 विधानसभा सीटें बढ़ेंगी

विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से जम्मू-कश्मीर में पर सात विधानसभा सीटें बढ़ेंगी। रिपोर्ट में जम्मू संभाग में छह व कश्मीर संभाग में एक विधानसभा सीट का प्रस्ताव है। पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए जम्मू-कश्मीर में नौ विधानसभा सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। पहले की तरह अनुसूचित जाति के लिए सात विधानसभा सीटें आरक्षित रखी गई हैं।

कश्मीरी पंडितों और पीओजेके विस्थापितों को मिल सकता है प्रतिनिधित्व

जम्मू कश्मीर की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पीओजेके विस्थापितों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार विधानसभा की सात सीटें बढ़ाई जानी हैं। इससे विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 की जानी हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी

लोकसभा सीटों में भी आयोग ने किया फेरबदल

जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी। पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए हैं। प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया है।

Jammu And Kashmir Delimitation Commission Released Its Final Report Jammu Got Equal Rights To Kashmir Division

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