नई दिल्ली। पीएम के प्रधान सचिव डॉ पी के मिश्रा जोशीमठ के मामले पर आज दोपहर पीएमओ में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे। जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहेंगे। वीसी के माध्यम से उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी समीक्षा में शामिल होंगे।
जोशीमठ को भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 600 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और उन लोगों से मुलाकात की जिनके घरों में दरारें आ गई हैं।
बीते दिन सीएम धामी ने किया जोशीमठ का दौरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहु-संस्थागत विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इसके पीछे के कारणों का सुझाव देने और डिकोड करने के लिए भूमि अवतलन का अध्ययन कर रहे हैं। धामी ने दोहराया कि लोगों की जान बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जोशीमठ की स्थिति को लेकर शुक्रवार को सीएम ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक के दौरान उन्होंने सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि डेंजर जोन को तत्काल खाली कराया जाए और आपदा नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया जाए।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) के तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना के लिए एक सुरंग के निर्माण के लिए ‘अनावश्यक’ खुदाई के कारण धंस गया। पूछे जाने पर, सीएम ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसका क्या कारण है।