India News (इंडिया न्यूज),Jyoti Malhotra:पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जब से ज्योति मल्होत्रा पकड़ी गई हैं तब से उनको लेकर कई खुलासे हुए हैं। रोज नई-नई जानकारी सामने आ रही है। अब ज्योती के डायरी के कुछ पन्ने शोसल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमे ज्योती ने पाकिस्तान में अपनी यात्रा का जिक्र किया है।
पाकिस्तान यात्रा का जिक्र
ज्योति मल्होत्रा के घर से मिली डायरी में लिखे संस्मरण और मन की बात से पता चलता है कि वह किसी भी जगह जाने से पहले पूरा होमवर्क करती थी। वह अपनी डायरी में देश-विदेश से जुड़ी हर तरह की जानकारी नोट करती थी। इस डायरी के करीब 10 पन्नों पर इसी तरह के नोट्स बनाए गए हैं। तीन पन्नों पर पाकिस्तान यात्रा का जिक्र है। आठ पन्ने अंग्रेजी में लिखे हैं, जबकि तीनों पन्नों पर हिंदी में पाकिस्तान के बारे में लिखा गया है।
ज्योति ने इस डायरी के पीले पन्नों पर वर्ष 2012 का कैलेंडर दिखाते हुए अपनी भावनाओं को भी उकेरा है। यात्रा के दौरान उन्होंने जो जानकारी जुटाई, यात्रा पर जाने से लेकर वापस लौटने तक जो भी अनुभव हुए, उन्हें इस डायरी में साझा किया है।
ज्योति की डायरी का एक पन्ना
पाकिस्तान के बारे में लिखा है ?
ज्योति ने पाकिस्तान के बारे में लिखा है… मैं पाकिस्तान से 10 दिन की यात्रा करके अपने देश भारत लौट आई हूं। इस दौरान मुझे पाकिस्तान के लोगों से बहुत प्यार मिला। हमारे सब्सक्राइबर और दोस्त भी हमसे मिलने आए। लाहौर जाने के लिए मुझे जो दो दिन मिले, वो बहुत कम थे।
ज्योति की डायरी का एक पन्ना
मुझे नहीं पता कि सरहदों की दूरियां कब तक रहेंगी, लेकिन दिलों के गिले-शिकवे मिट जाने चाहिए। हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं। अगर वीडियो में कुछ ऐसा है जो शेयर नहीं किया है, तो आप बेहिचक कमेंट में पूछ सकते हैं। अब इजाजत दीजिए, पाकिस्तान की सरहद यहीं तक थी।
पाकिस्तान सरकार से किया ये अनुरोध
ज्योति ने लिखा, मैं पाकिस्तान सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह भारतीयों के लिए और गुरुद्वारे और मंदिर खोले, ऐसी सुविधाएं बनाए जिससे हिंदू लोग भी वहां जा सकें। वहां के मंदिरों की रक्षा करें और मुझे मेरे परिवार से मिलने दें जो 1947 में बिछड़ गया था। पाकिस्तान बस के बारे में जितना भी कहो कम है। पागलपन और रंग-बिरंगा।
पाकिस्तान से भारत आया था ज्योति का परिवार
मालूम हो कि ज्योति मल्होत्रा का परिवार भारत-पाक बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से संयुक्त पंजाब के फरीदकोट में आ गया था। यहां पांच महीने तक किराए के मकान में रहने के बाद परिवार हिसार आ गया। ज्योति के दादा और चाचा भी हिसार में दो जगह किराए पर रहते थे। कुछ साल पहले ज्योति के पिता ने न्यू अग्रसेन कॉलोनी में 55 गज का मकान बनवाया था।