India News (इंडिया न्यूज)Kangana Ranaut Case: मंगलवार को फिल्म अभिनेत्री और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत को आगरा की अदालत से बड़ी राहत मिली। उनके खिलाफ आगरा की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में दायर राष्ट्र द्रोह परिवाद कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने आदेश में लिखा कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में किए गए उक्त कथनों व उसकी ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से विपक्षी के विरूद्ध कोई अपराध गठित नहीं होता है। ऐसे में विपक्षी को तलब किए जाने हेतु पर्याप्त आधार नहीं है। तदनुसार परिवाद पत्र खारिज किया जाता है।

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आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमा शंकर शर्मा ने पिछले साल सितंबर माह में कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रदोह और किसानों और शहीदों के अपमान करने के उनके द्वारा समय समय पर दिए गए बयानों के आधार परिवाद दायर किया था।

याची अधिवक्ता का कहना था कि कंगना रनौत ने 2014 में आजादी मिलने की बात कहकर महात्मा गांधी समेत लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान किया। यही नहीं, अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ बयान देकर उन्होंने अन्नदाता का भी अपमान किया।

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मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट,विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए अनुज कुमार सिंह ने अपने फैसले में तीन बिंदुओं पर निर्णय देते हुए लिखा कि वादी और उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसान आंदोलन में शामिल नहीं था। दूसरे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार का कोई व्यक्ति ही ये वाद कर सकता है। तीसरा, वाद दायर करने से पहले राज्य सरकार इस बारे में मंजूरी नहीं ली गई।

आदेश के अनुसार परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में किए गए उक्त कथनों व उसकी ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से विपक्षी के विरूद्ध कोई अपराध गठित नहीं होता है। ऐसे में विपक्षी को तलब किए जाने हेतु पर्याप्त आधार नहीं है। तदनुसार परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 226 बी०एन०एस०एस० खारिज किए जाने योग्य है।परिवादी रमाशंकर शर्मा द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 226 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 खारिज किया जाता है।

इस पर वादी अधिवक्ता रमाकांत शर्मा का कहना है कि परिवाद खारिज किए जाने के आदेश के विरुद्ध वे एमपी-एमएलए कोर्ट सेशन में रिवीजन डालेंगे। चुप नहीं बैठूंगा। जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट तक जाऊंगा।

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