दिल्ली के कंझावला केस में आज दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को तीन पीसीआर और दो पुलिस पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई करने का निर्देश दिया है।

गृह मंत्रालय ने जांच में कमी को देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को जांच अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने का भी सुझाव दिया है। साथ ही साथ दिल्ली पुलिस को दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द अदालत में चार्जशीट दायर करने और सभी जरूरी कदम उठाने का भी सुझाव दिया है, ताकि उन्हें सजा मिल सके।

आपको बता दें कि, इस मामलों के चश्मदीद दीपक ने जो डेयरी का काम करते है, उन्होंने सबसे पहले इस घटना की सूचना पुलिस को दी थी। उनका मानना है कि अगर वक्त रहते पुलिस उनकी बात सुन लेती तो शायद आज युवती जिंदा होती। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा की उन्होंने तकरीबन 20 कॉल पीसीआर को किए थे, इसके बावजूद पीसीआर में मौजूद पुलिस कर्मियों ने वक्त रहते मामले का संज्ञान नहीं लिया था। दिल्ली पुलिस को 1 जनवरी की सुबह युवती का शव दिल्ली के कंझावला इलाका में नग्न अवस्था में मिला था। कुछ लड़कों ने नशे की हालत में गाड़ी से युवती के स्कूटी को टक्कर मारी और उसे कई किलोमीटर तक घसीटा जिससे उसकी मौत हो गयी थी।