दिल्ली के कंझावला मामले के 7वें आरोपी अंकुश खन्ना को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से जमानत मिल गयी है। कल ही अंकुश ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण करने वाले खन्ना को यह देखते हुए राहत दे दी कि उसके खिलाफ लगे आरोप जमानती हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी के अनुसार, खन्ना ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि आरोपी दीपक वाहन चला रहा था। हालांकि अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी अमित गाड़ी चला रहा था। अदालत ने जांच अधिकारी की इस दलील पर भी गौर किया कि अंकुश खन्ना ने एक अन्य आरोपी आशुतोष के साथ सह-आरोपियों को दीपक के घर पर छुपाने में मदद की थी।
पुलिस ने धारा 201 (अपराध के सबूत को गायब करना, या अपराधी को झूठी सूचना देना), 212 (अपराधी को शरण देना), 182 (गलत जानकारी, किसी अन्य व्यक्ति की चोट के लिए लोक सेवक को अपनी वैध शक्ति का उपयोग करने के इरादे से), भारतीय दंड संहिता की 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों के लिए अंकुश खन्ना पर मामला दर्ज किया था।