India News (इंडिया न्यूज), Kargil War: आज ही के दिन अर्थात (3 मई, 1999) से कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी। जो भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच लड़ा गया था। जब भारतीय सेना को सूचना मिली कि कुछ घुसपैठियों ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। तब से कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में इसे आतंकवादी गतिविधि माना गया, लेकिन जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि इसमें पाकिस्तानी सेना, खासकर उसकी नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री (एनएलआई) शामिल थी। घुसपैठियों ने टाइगर हिल, टोलोलिंग और अन्य महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। ये चोटियां राष्ट्रीय राजमार्ग 1डी (जो श्रीनगर को लेह से जोड़ती है) पर कब्जा कर सकती थीं, जिससे भारत की सुरक्षा को बड़ा ख़तरा पैदा हो सकता था।
कब हुई थी युद्ध की शुरुआत?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, कारगिल युद्ध की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तानी सेना ने बर्फबारी के मौसम का फायदा उठाते हुए भारतीय चौकियों को खाली कर दिया। फिर इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने गुप्त रूप से ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया। इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी गंदी आदतों से बाज नहीं आया। इसको लेकर शुरुआत में पाकिस्तान ने दावा किया कि घुसपैठिए ‘कश्मीरी आतंकवादी’ थे, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया कि वे पाकिस्तानी सेना, खासकर नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री के नियमित सैनिक थे।
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भारतीय सेना ने शुरू किया ऑपरेशन विजय
भारतीय सेना ने इस घुसपैठ को समाप्त करने के लिए 26 मई 1999 को “ऑपरेशन विजय” शुरू किया। यह अभियान करीब दो महीने तक चला और भारत ने अपनी सभी कब्जे वाली चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया। पाकिस्तानियों की नापाक हरकतों को नेस्तनाबूत करने के लिए भारत ने ताबड़तोड़ ऑपरेशन शुरू किए। भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सफेद सागर” नामक एक अभियान चलाया, जिसमें मिराज-2000 और मिग-29 जैसे विमानों से दुश्मनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
कितने भारतीय सैनिक हुए शहीद?
जानकारी के अनुसार, इस युद्ध में भारत के 527 से ज्यादा वीर सैनिक शहीद हुए और 1300 से ज्यादा घायल हुए। भारत ने इस युद्ध में अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया और दुश्मनों को भारतीय क्षेत्र में ही रहकर खदेड़ दिया, जिसके कारण भारत को वैश्विक समर्थन मिला। यह भारत का पहला युद्ध था जिसे राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों ने व्यापक रूप से कवर किया। इससे आम जनता में देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान की लहर पैदा हुई। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया। अमेरिका और अन्य देशों ने पाकिस्तान पर अपने सैनिकों को वापस बुलाने का दबाव बनाया। शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उनकी बहादुरी को याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।