India News (इंडिया न्यूज), Karnataka CET Exam : कर्नाटक के कई इलाकों में गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को CET परीक्षा दी गई। लेकिन अब इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। खबरों के मुताबिक, कर्नाटक के बीदर और शिवमोग्गा जिलों में केंद्रों में प्रवेश से पहले कुछ छात्रों को कथित तौर पर जनेऊ उतारने के लिए कहा गया है। खबर सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इसको लेकर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, बीदर में एक छात्र को सुबह गणित का पेपर दिए बिना ही घर लौटना पड़ा, क्योंकि साईं स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी ने कथित तौर पर उससे परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले जनेऊ उतारने के लिए कहा।
छात्र बिना पेपर दिए ही वापस लौटा
जानकारी के मुताबिक, लड़के ने स्टाफ से गुहार लगाई कि उसे केंद्र में जाने दिया जाए, क्योंकि जनेऊ पहनने से उसके किसी तरह की गड़बड़ी में शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं है, हालांकि, स्टाफ ने उसे यह कहते हुए अंदर नहीं जाने दिया कि वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। उसे जनेऊ उतारकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने को कहा गया, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और गणित का पेपर दिए बिना ही केंद्र से बाहर निकल गया।
हालांकि, बाद में (गुरुवार) दोपहर को लड़के को जनेऊ पहनकर जीव विज्ञान की परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई। अधिकारियों ने बताया कि इसी छात्र ने एक दिन पहले भी जनेऊ पहनकर भौतिकी और रसायन विज्ञान की परीक्षा दी थी, जिसमें कोई दिक्कत नहीं आई थी।
संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
खबर सामने आने के बाद बीदर की डिप्टी कमिश्नर शिल्पा शर्मा ने कहा कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया, उक्त केंद्र के मुख्य परीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस तरह के व्यवहार के सख्त खिलाफ है। उन्होंने कहा कि बीदर के पुलिस अधीक्षक ने भी आश्वासन दिया है कि वह तलाशी दल को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने किया अलग दावा
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभिभावकों की ओर से अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन जांच के अनुसार जब हमने कॉलेज प्रशासन से पूछा तो उन्होंने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए भवन दिया गया है और प्रवेश परीक्षा या अन्य व्यवस्थाओं में उनकी कोई भूमिका नहीं है, जबकि परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्होंने किसी भी छात्र से शर्ट या जनेऊ उतारने को नहीं कहा। नियमों के अनुसार उन्होंने छात्रों से सिर्फ काशी धारा (कलाई पर पहना जाने वाला धागा) उतारने को कहा था।