इंडिया न्यूज ( नई दिल्ली ): उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग के छूने पर रोक लगा दी गई है. ये रोक सीमित समय के लिए है. मंदिर प्रशासन का कहना है साल के आखिरी दिन और 1 जनवरी को होने वाली श्रद्धालुओं का भीड़ को देखते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है. वही मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि ये निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि दर्शन करने आए भक्तों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. ये नियम 31 दिसंबर से 1 जनवरी की आधी रात तक लागू रहेगा.

काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल में लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने संभावना जताई जा रही है. जिसको देखते हुए ये फसला मंदिर प्रशासन ने लिया. मंदिर प्रशासन ने बताया कि स्पर्श दर्शन और झांकी दर्शन में जो अंतर है मामूली सा है. स्पर्श दर्शन में लोगों को गर्भगृह में जाने की अनुमति होती है जहां वो शिवलिंग को छू सकते है. वही झांकी दर्शन में वो गर्भगृह के भीतर नही जा सकते बाहर से ही बाबा को देख सकते है.

12 लाख भक्तों की आने की उम्मीद 

मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस वर्ष 1 जनवरी को करीब 7 लाख लोगों ने विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगाई थी इस बार ये आंकड़ा 12 लाख के लगभग हो सकता है ऐसे में मंदिरप्रशासन सुरक्षा को लेकर मुस्तैद हो गया है. आने वालो लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसके लिए लगातार पुलिस प्रशासन क्षेत्र का जायजा ले रहा है.

1 साल पहले हुआ था धाम जिर्णोद्धार

1 साल पहले काशी विश्वनाथ धाम का जिर्णोद्धार हुआ था. 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने इसका उद्धाटन किया था. ऐसे में उसके बाद से लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है. इसी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने कमर कस ली है और नए साल के दिन लगने वाले श्रद्धालुओं के जमावड़े को देखते हुए नियमों में बदलाव किया है.