India News (इंडिया न्यूज़), Kawardha Vidhan Sabha Seat:  छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा कर दी गई है। शुक्रवार (20 अक्टूबर) को  पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि तय की गई है। पहले चरण के चुनाव में छत्तीसगढ़ के 20 सीटों पर वोटिंग किया जायेगा। जिसमें से हाई प्रोफाइल सीट कही जानें वाली कवर्धा की हाई प्रोफाइल सीट से कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं बीजेपी की बात करें तो यहां से इस पार्टी नें सक्रिय नेता विजय शर्मा को खड़ा किया है। वहीं माना जा रहा है कि दोनों को बीच इस चुनाव में जबरदस्त मुकाबला होने वाला है।

दो समुदायों के बीच हुआ था झंडा विवाद

बता दें कि कवर्धा विधानसभा सीट एक हाई प्रोफाइल सीट है, क्योंकि यहां से कांग्रेस के सरकार में मंत्री रहे मोहम्मद अकबर विधायक हैं और वह इस बार फिर से यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं इसके अलावा विजय शर्मा को बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है। विजय शर्मा की पहचान बीजेपी के एक सक्रिय नेता के तौर पर की जाती है। विजय शर्मा भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह कवर्धा वही विधानसभा सीट है, जहां कुछ साल पहले दो समुदायों के बीच झंडा विवाद को लेकर मामला हुआ था। उस समय बीजेपी और हिंदू संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया था।

इस सीट पर होगी जदारदस्त टक्कर

कवर्धा विधानसभा क्षेत्र से पिछला विधानसभा चुनाव 2018 में मोहम्मद अकबर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़े थे। वहीं बीजेपी की तरफ से अशोक साहू को चुनावी मैदान में उतारा गया था। मोहम्मद अकबर ने भारी मतों से अशोक साहू को हराया था। वहीं इस बार मोहम्मद अकबर फिर कवर्धा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनके सामने इस बार अशोक साहू की जगह पे बीजेपी ने विजय शर्मा को चुनावी मैदान में उतार दिया है। जिसको लेकर माना जा रहा है कि इस बार 2023 विधानसभा चुनाव में कवर्धा सीट पर जबरदस्त चुनावी टक्कर होगी और वोटो का अंतर ज्यादा नहीं रहेगा।

इस सीट पर कितने वोटर की जनसंख्या

विधानसभा चुनाव 2018 में कवर्धा सीट पर कुल 2,91,821 वोटर थे। जिनमें से 2,40,739 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। वहीं साल 2018 में इस सीट पर कुल 82.50 फीसदी वोटिंग की गई थी। इसमें 56.63 फीसदी वोट कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद अकबर के खाते में आये थे। वहीं बीजेपी के अशोक साहू के खाते में 32 फीसदी वोट मिले थे। इसके अलावा निर्दलीय रामखिलावन डहरिया को 2.74 और अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) के अगम दास अनंत ने 2.60 फीसदी वोट अपने नाम किये थे। इस तरह मोहम्मद अकबर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी यानी बीजेपी के अशोक साहू को भारी मतों से मात दिया था।

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