India News (इंडिया न्यूज), Kharge writes To letter Modi: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म हो चुकी है। केंद्रीय नेता लगातार प्रदेश दौरे पर लगे हैं। साथ ही नेताओं का जुबानी जंग भी शुरु हो चुका है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि नौकरशाही और सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लेना की बात कही है।

  • 765 जिलों में बताएं नौ साल कि उपलब्धि
  • केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 1964 का उल्लंघन

9 सालों की उपलब्धि बताएं

कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान, सेना और विभाग अब पीएम मोदी के आधिकारिक तौर पर ‘प्रचारक’ बन गए हैं। वहीं उन्होंने चुनाव की तैयारी और रैलियों में जुटे अधिकारियों पर निशाना करते हुए लिखा कि भारत सरकार के सभी बड़े अधिकारियों को अपने नौ साल के उपलब्धियों को बताना चाहिए। इसे बताने के लिए देश के सभी 765 जिलों में रथ प्रभारियों के रुप में तैनात किया जाना चाहिए।

केंद्रीय सिविल सेवा नियम का उल्लंघन

साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन किया जा रहा है। जिसमें साफ तौर से कहा गया कि कोई भी सराकरी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकता है। उन्हें ‘जश्न मनाने’ और उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रुप में बदल दिया जाता है। ऐसा दिखाता है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2024 के आम चुनावों के लिए एक पारदर्शी राजनीतिक व्यवस्था है।

सैनिक राजदूत बनाया गया

इसके अलावा खड़गे द्वारा रक्षा मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि सैनिकों को वार्षिक छुट्टी पर सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में समय बताने का निर्देश दिया गया था। उन्हें ‘सैनिक राजदूत’ बनाया गया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सेना को राष्ट्र की रक्षा के लिए जवानों को तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन वो सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्क्रिप्टिंग करने में व्यस्त हैं।

सेना को राजनीति से बाहर रखा जाए

खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए कहा कि लोकतंत्र में सशस्त्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाना चाहिए। सैनिकों को सरकारी योजनाओं का मार्केंटिंग एजेंट बनना राजनीतिकरण के लिए बेहद खतरनाक कदम साबित हो सकता है। हर जवान की निष्ठा उनके राष्ट्र और संविधान के प्रति होता है।

साथ ही उन्होंने जवानों के पक्ष की ओर से लिखा कि देश की सेवा में कठिन परिश्रम के बाद जवानों को अपने अवकाश के दिनों में पूर्ण स्वंत्रता होनी चाहिए। जिससे की जवानों में भी ऊर्जा बनी रहे। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टी का अपहरण करना सरासर गलत है। साथ ही उन्होंने अपील की है कि सिविल सेवकों और सैनिकों दोनों सरकारी तंत्रों को चुनाव से पहले के महीनों से राजनीति से बाहर रखा जाए।

सत्तारूढ़ दल के एजेंट बने देश के सेवक

खड़गे द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि ईडी, आईटी विभाग और सीबीआई पहले से ही मोदी सरकार के चुनाव विभागों के रुप में काम कर रही है। अब देश के सेवकों को सत्तारूढ़ दल के एजेंट के रूप में काम कराने की कोशिश की जा रही है। पीएम मोदी जल्द हीं इन आदेशों को वापस लें।

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