India News(इंडिया न्यूज), Rajasthan Paper Leak: राजस्थान में जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक कांड में विशेष जांच दल ने इस पर बड़ी कार्रवाई की है। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस टीम के अधिकारियों ने 3 साल से फरार चल रहे गैंग के मुख्य सरगना और उसके सहयोगी को नेपाल बॉर्डर से पकड़ लिया है। वहीं, दो अन्य आरोपियों को जयपुर और गंगापुर सिटी में गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में हुए खुलासे के बाद और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

तीन साल से आरोपी फरार

एडीजी वीके सिंह ने बताया कि 3 साल पहले जेईएन पेपर लीक मामले में अब तक 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन मामले में नामित मुख्य सरगना हर्षवर्द्धन मीना फरार था। वह पेशे से पटवारी हैं। एसओजी ने हर्ष वर्धन पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस से बचने के लिए हर्षवर्द्धन मीना और उसका साथी राजेंद्र यादव नेपाल भाग जाते थे। साथ ही ये दोनों फरारी भी चलाते थे। नेपाल में ही हर्षवर्द्धन मीना के साथ पकड़े गए राजेंद्र यादव का चयन सब इंस्पेक्टर पद पर हो चुका है, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।

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पैसे वसुलकर बेचा गया पेपर

एडीजी वीके सिंह के मुताबिक, गिरोह के सरगना हर्षवर्द्धन मीना और राजेंद्र यादव ने जयपुर के खातीपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में तैनात तीसरे पाली में शिक्षक राजेंद्र कुमार यादव को पैसों का लालच दिया। गैंग लीडर के निर्देश पर राजेंद्र यादव ने परीक्षा से पहले स्कूल के स्ट्रांग रूम में रखे जेईएन भर्ती पेपर को शील्ड पैकेट पर कट लगाकर निकाल लिया और गैंग लीडर को बेच दिया। फिर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर इस पेपर को लीक कर दिया गया।

गिरोह के साथ किया गया पेपर लीक

एडीजी वीके सिंह ने बताया कि, गिरोह के सरगना और दौसा के पटवारी हर्षवर्द्धन मीना के बाद कालाडेरा निवासी सब इंस्पेक्टर चयनित अभ्यर्थी राजेंद्र यादव को नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया, सरकारी स्कूल के शिक्षक राजेंद्र कुमार यादव को जयपुर और श्रीगंगानगर जिले के रलियासर के एक सरकारी स्कूल से गिरफ्तार किया गया। एसआईटी ने लाइब्रेरियन शिवरतन मोट उर्फ शिवा को गिरफ्तार कर लिया है। जयपुर में पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जेईएन भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में इन सभी ने संगठित गिरोह बनाकर पेपर लीक करवाया था। फिर परीक्षा में असली की जगह डमी अभ्यर्थियों का इस्तेमाल कर लाखों रुपये वसूले।

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