India News (इंडिया न्यूज), Opperation Sindoor: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर कड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार देर रात डेढ़ बजे पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया। तीनों सेनाओं के इस संयुक्त ऑपरेशन ने पाकिस्तान के 4 और पीओके के 5 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) ने सभी टारगेट की पहचान की और पूरी योजना के तहत लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को तबाह कर दिया। इस एयर स्ट्राइक ने यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी तरह की गीदड़भभकी का जवाब देने में सक्षम है। पाकिस्तान की सेना, चाहे वह संख्या बल में हो या सैन्य खर्च के मामले में, भारत के सामने कहीं नहीं टिकती।
सेना पर PAK से 9 गुना ज्यादा खर्च
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था। इस हमले का बदला लेते हुए भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है। 2024 में भारत ने अपनी सेना पर 86.1 अरब डॉलर (करीब 7,32,453 करोड़ रुपये) खर्च किए, जो 2023 की तुलना में 1.6% अधिक है। वहीं, पाकिस्तान का सैन्य खर्च मात्र 10.2 अरब डॉलर (लगभग 2,85,397 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) रहा।
भारत का सैन्य दबदबा और वैश्विक रैंकिंग
भारत दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है। SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, चीन, रूस और जर्मनी के बाद भारत का स्थान है। इन पांच देशों का कुल वैश्विक सैन्य खर्च में 60% योगदान है। भारत का बढ़ता रक्षा बजट आधुनिक हथियारों की खरीद, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर केंद्रित है।
PAK का बढ़ता रक्षा बजट, लेकिन भारत से पीछे
हालांकि पाकिस्तान ने आगामी बजट में रक्षा खर्च को 18% बढ़ाकर 2.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यह अब भी भारत से काफी कम है। 2025-26 के बजट में भारत ने रक्षा मंत्रालय के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये (77.4 अरब डॉलर) आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.5% अधिक है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का स्पष्ट संदेश
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए यह संदेश दिया है कि सेना पर किया गया भारी-भरकम खर्च बेकार नहीं है। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीतिक और दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पाकिस्तान की धमकियों और कमजोर सैन्य क्षमताओं के बीच, यह स्पष्ट है कि भारत अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा।