India News (इंडिया न्यूज), Connaught Place Owner : दिल्ली की सबसे हैपनिंग जगहों में गिने जाने वाले कनॉट प्लेस के बारे में कौन नहीं जानता होगा। दिल्ली या एनसीआर में रहने वाले लोग इस जगह पर कई बार गए होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि इस जगह का मालिक कौन है और यहां की दुकानों से हर महीने कितनी कमाई होती होगी? 30 हेक्टेयर में फैले कनॉट प्लेस की इमारतों की अलग बनावट के पीछे भी एक खास वजह है, जिसके बारे में भी कम ही लोग जानते होंगे।
क्या है Connaught Place का इतिहास?
दिल्ली के कनॉट प्लेस की इमारतें काफी पुरानी हैं और अलग ढंग से बनी हुई हैं। इन इमारतों के पीछे लंबा इतिहास है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों से भी लोग सीपी घूमने के लिए आते हैं। यहां की मार्केट्स में ग्लोबल इंपैक्ट साफ देखने को मिलता है। दिल्ली की इस मशहूर जगह को 1929 में ब्रिटिश सरकार ने बसाया था।
इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट राबर्ट टोर रसेल ने तैयार करवाया था और यहां की बिल्डिंग्स की खासियत के पीछे इनका ही हाथ है। कनॉट का नाम असल में ब्रिटिश रॉयल ड्यूक ऑफ कॉनॉट एंड स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस वक्त इस जगह को बनाने में करीब पांच साल का वक्त लगा था।
रील बना ही रही थी लड़की तभी गिरी आकाशीय बिजली, आगे जो हुआ जरुर देखें
कौन है मालिक?
कनॉट प्लेस में जॉर्जियाई शैली में बनी यहां की इमारतें हैं और यहां पर 12 सड़कें बाजार के अंदर और बाहर जाती हैं। मालिक की बात करें तो ये जगह भारत सरकार की है। कनॉट प्लेस पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 के तहत किराया होता है। यानी यहां पर मौजद दुकानों का मासिक किराया 3500 रुपए से कम है।