(इंडिया न्यूज़, Know why put ‘Tulsi’ leaves in food items during eclipse): आज साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। 25 अक्टूबर दिन मंगलवार यानी दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है इस पर ज्योतिषाचार्य का मानना है कि सूर्य ग्रहण का दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेगा। आपको बता दें, शाम 4 बजकर 29 मिनट से करीब डेढ़ घंटे तक ग्रहण का प्रभाव रहेगा। सूतक काल का ग्रहण के दौरान खास महत्व है। भारत में सूर्य ग्रहण शाम 6 बजकर 9 मिनट के बाद समाप्त हो जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल के दौरान वातावरण में उपस्थित चीजें नकारात्मक असर डालती है। इस वजह से सूतक काल को दूषित काल भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूतक काल शुरु होने से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक के समय में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही खाया जाता है। यदि रात का भोजन बचा है तो उसे सुरक्षित रखने के लिए तुलसी का पत्ता डाल दिया जाता है। लेकिन ग्रहण के दौरान खाने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते क्यों डाले जाते हैं।
- सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक और दूषित किरणें फैली हुई होती हैं जो सेहत के लिए हानिकारक मानी गई हैं। इसीलिए सूतक लगने पर खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहण की सभी तरह की नकारात्मक किरणें खाने-पीने की चीजों पर नहीं होता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान सभी तरह के खाने-पीने की चीजों में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसीलिए से खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं।
- आयुर्वेद में भी तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व है। तुलसी में एंटी-बैक्टीरिया और आयरन तत्व बहुत होते हैं। इसका सेवन करने से व्यक्ति की प्रतिरोधकक्षमता में इजाफा होता है।
- लेकिन जब भी ग्रहण लगे तब तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
ग्रहण से एक दिन पूर्व तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें। - ग्रहण के अलावा रविवार और अमावस्या के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी के स्वयं के गिरे हुए पत्तों का ही प्रयोग करना चाहिए।