India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Case: कोलकाता में हुए बलात्कार और मर्डर से जुड़े मामले में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (6 सितंबर) को संदीप घोष की याचिका खारिज कर दी है। जिसके जरिए संदीप घोष ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह भी टिप्पणी की गई कि आर.जी. कर हॉस्पिटल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष पक्षकार बनने के पात्र नहीं हैं। 3 जजों के बेंच की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सीबीआई को यह नहीं बताएंगे कि वह किस तरह से जांच करे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट ने एक पीआईएल पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था, उसमें आपका पक्ष सुना जाना जरूरी नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि उसने पूरे मामले पर सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है, जिससे पता चल जाएगा कि दोनों मामले आपस में जुड़े हैं या नहीं। फिलहाल किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी जा सकती। इससे पहले आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल से जुड़े मामले में संदीप घोष की मुश्किलें कल से यानी गुरुवार 5 सितंबर, 2024 को तब बढ़ीं थीं। जब कोलकाता रेप और हत्या के मामले की जांच कर रहे सीबीआई को महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
याचिका में संदीप घोष ने क्या मांग की?
संदीप घोष ने अपने याचिका में कहा था कि भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपने से पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनका पक्ष नहीं सुना। हाईकोर्ट ने अस्पताल में हुई दुष्कर्म की घटना को भी अनावश्यक रूप से भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए टिप्पणी की। घोष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने मांग की है कि बायोमेडिकल कचरे से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच को दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच से अलग किया जाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने पहले अस्पताल में भ्रष्टाचार को लेकर दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया था। लेकिन तीसरी याचिका पर यह आदेश दिया। उस याचिका में संदीप घोष के प्रति दुर्भावना रखने वाले लोग शामिल थे।
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