India News (इंडिया न्यूज), आयुष शर्मा, Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने डॉक्टरों के प्रदर्शन को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने इसको लेकर दलील दी कि पुलिस की अनुमति के बिना सभी जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन के दौरान 41 पुलिस कर्मियों पर इसका असर पड़ा है, एक की आंख हमेशा के लिए चली गई। कपिल सिब्बल ने यहां तक कहा कि पुलिस को इलाज नहीं दिया जा रहा है। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से 23 लोगों की जान चली गई। 6 लाख लोग को इलाज नहीं मिला। रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं आ रहे। 1500 से अधिक रोगियों की एंजियोग्राफी नहीं की गई।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को दी जा रही धमकियां
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान काउंसलर ने बताया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टर को धमकियां दी जा रही है। इसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर सकते है कि डॉक्टर काम पर लौटे तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन हम यह नहीं कह सकते है कि अगर वह काम पर नहीं लौटे तो सरकार कोई कार्रवाई ना करें। मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि बंगाल पुलिस को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिये।
शाम 5 बजे तक काम पर लौटे तो नहीं होगी कार्रवाई
विश्वास की भावना पैदा करने के लिए हम कहते हैं कि यदि डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर आ गए तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि दी गई सुविधाओं के बावजूद लगातार काम से गायब रहे तो भविष्य में कार्रवाई की संभावना रहेगी। हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है, लेकिन डॉक्टरों को अब काम पर वापस आना चाहिए। वे यह नहीं कह सकते कि वरिष्ठ डॉक्टर काम कर रहे हैं। इसलिए हम काम नहीं करेंगे, हमने सभी को नोटिस दे दिया है। अगर डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं तो हम सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते। कोई भी विरोध प्रदर्शन दबाव की कीमत पर नहीं हो सकता।