India News (इंडिया न्यूज), Kolkata to London Bus: एक वक्त था जब भारत से लंदन लोग बस से जाते थे। लोग ये जान चौंक सकते हैं लेकिन यह सच है। पांच दशक पहले कोलकाता से लंदन के लिए एक बस जाती थी। यह बस सेवा सिडनी की अल्बर्ट टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी के द्वारा संचालित की जाती थी। इसकी शुरुआत 1950 में हुई थी। इससे 1973 तक यात्रियों को लाने-ले जाने का काम किया करती थी। बाद में इस सेवा को बंद कर दिया गया। जान लें कि भारत से चलने के बाद इस बस के रास्ते में दो देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी पड़ता था। उस समय के अनुसार ये बस सेवा उस समय में दुनिया की सबसे लंबी बस यात्रा के लिस्ट में शामिल थी। सोशल मीडिया पर एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो वायरल हो रही है। इसमें लंदन के विक्टोरिया कोच स्टेशन पर यात्री एक बस में सवार होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्हें कलकत्ता ले जाएगी। कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) से लंदन तक की बस यात्रा। यह 1950 के दशक की बात है।

कुछ साल पहले एक ट्वीट वायरल हुआ था

वायरल ट्वीट में कैप्शन दिया गया है, “वास्तव में लंदन-कलकत्ता बस सेवा के बारे में अभी-अभी पता चला है, जो जाहिर तौर पर 70 के दशक तक अस्तित्व में थी। वाह।” फोटो में यात्रियों को अप्रैल 1957 में बस के पहले रन में सवार होते हुए देखा जा सकता है।

फाइल पर दस्तखत नहीं , दफ्तर नहीं…, इन शर्तों पर केजरीवाल को मिली जमानत 

अल्बर्ट ट्रैवल बस द्वारा लिया गया मार्ग था

अल्बर्ट ट्रैवल बस द्वारा लिया गया मार्ग था – इंग्लैंड, बेल्जियम, पश्चिम जर्मनी, ऑस्ट्रिया, यूगोस्लाविया, बुल्गारिया, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, पश्चिमी पाकिस्तान और भारत। भारत में, बस ने नई दिल्ली से आगरा, इलाहाबाद, बनारस और अंत में कलकत्ता की यात्रा की।

बस में सुविधाएं

बस की फोटो के साथ, बस के यात्रा कार्यक्रम का एक ब्रोशर भी सामने आया है। इस आलीशान बस में पढ़ने की सुविधा, अलग-अलग सोने के लिए चारपाई, पार्टियों और मौज-मस्ती के लिए रेडियो/टेप संगीत और पंखे हीटर जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध थीं। ब्रोशर में लिखा है, “यात्रा के दौरान आपका पूरा घर।”

Rahul Gandhi ने यूपी के उस नाई को भेजा खास तोहफा, महीनों पहले काटी थी उनकी दाढ़ी 

यात्रा के मुख्य आकर्षण

इस यात्रा के मुख्य आकर्षणों में गंगा किनारे बनारस, ताज महल, राज पथ, राइन घाटी और मयूर सिंहासन शामिल थे।यात्रियों को नई दिल्ली, तेहरान, साल्ज़बर्ग, काबुल, इस्तांबुल और वियना में मुफ़्त खरीदारी के दिन मिले।लंदन से भारत तक एक तरफ़ की यात्रा का खर्च 85 पाउंड स्टर्लिंग (वर्तमान में 8,019 रुपये) था। टिकट में भोजन, यात्रा और आवास शामिल था। बस ने अपना पहला सफर 15 अप्रैल, 1957 को किया था और यह 5 जून को कलकत्ता पहुँची थी।

वायरल ट्वीट ने नेटिज़न्स को यात्रियों के रोमांच के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित और उत्सुक बना दिया।एक यूजर ने कहा, “क्या खोज है! और रास्ता भी बहुत आकर्षक है। मैं जानना चाहता हूँ कि डाइनिंग कार में क्या परोसा जाता है।” दूसरे ने लिखा, “ओह, बिना वीज़ा वाली दुनिया में आप बस फीस देकर बस या ट्रेन में चढ़ सकते हैं। क्या हम उसे वापस पा सकते हैं?”

शनिदेव के आशीर्वाद से इन पांच राशियों की पलटेगी किस्मत, टल जाएगी आने वाली मुसीबत