India News (इंडिया न्यूज),Delhi Elections:2015 में 67 सीटों के साथ प्रचंड जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी महज 10 साल बाद दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई है। चुनाव आयोग के रुझान बताते हैं कि भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। 70 सीटों वाली दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों की जरूरत है।आम आदमी पार्टी की हार की मुख्य वजह भ्रष्टाचार के आरोप और काम न करने की राजनीति रही। कई मौकों पर आप पर आरोप लगे कि पार्टी काम नहीं कर रही है। हार की एक वजह आप के लाभार्थी वोटरों का पार्टी से दूर हो जाना भी है।
इन वजहों से हार गई AAP
- 1. अरविंद केजरीवाल की पार्टी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरी थी, लेकिन महज 10 साल बाद ही पार्टी के बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग गए। शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल भी जाना पड़ा। पार्टी आप पर लगे गंभीर आरोपों की कहानी को खत्म नहीं कर पाई।इसके अलावा कैग रिपोर्ट में आप पर अस्पताल निर्माण आदि में भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया था। कैग रिपोर्ट पर बहस करने की बजाय आप ने इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की। भ्रष्टाचार का मुद्दा पूरे चुनाव में गूंजा।
- 2. केजरीवाल लाभार्थी मतदाताओं पर ही निर्भर थे। केजरीवाल पिछले दो चुनावों से मुफ्त बिजली और पानी के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ा रहे थे। ये लाभार्थी मध्यम और निम्न वर्ग से थे। दिल्ली की लड़ाई से पहले भाजपा इन मतदाताओं को लुभाने में कामयाब रही। पार्टी ने 12 लाख तक के टैक्स को मुफ्त करके अरविंद केजरीवाल का खेल बिगाड़ दिया।
- 3. आम आदमी पार्टी ने पिछले दो चुनावों में मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार ये मतदाता दोनों ही इलाकों में आप से दूर होते दिखे। दरअसल, दिल्ली में जब भी मुसलमानों पर संकट आया तो आप मुखर होने की बजाय चुप हो गई। चुनावों में मुसलमानों ने आप का एकतरफा समर्थन नहीं किया, जिसकी वजह से करीबी मुकाबलों में आप पिछड़ गई।
- 4. दिल्ली में सड़कें और साफ पानी बड़ा मुद्दा रहा। आप ने एमसीडी चुनाव जीतने के बाद सड़क और साफ पानी देने का वादा किया था, लेकिन वह इन वादों को पूरा नहीं कर पाई। जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सड़कों की समस्या का समाधान करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए।
- 5. दिल्ली में शराब का मुद्दा तूल पकड़ रहा था। आप पर आबकारी नीति में घोटाले का आरोप लगा। शराब के मुद्दे का भाजपा ने पूरा फायदा उठाया। आप इसका मुकाबला नहीं कर पाई। कोर्ट ने आप नेताओं को जमानत तो दी, लेकिन शर्तों के साथ। इस वजह से आप इस मुद्दे पर ज्यादा मुखर नहीं हो पाई।
- 6. कांग्रेस ने आप का खेल बिगाड़ दिया है। इस चुनाव में कांग्रेस को पिछली बार से कहीं ज्यादा वोट मिले हैं। आप उन सीटों पर पिछड़ गई है, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी। कांग्रेस के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी आप को नुकसान पहुंचाया है। दिल्ली में एआईएमआईएम के दो उम्मीदवार मैदान में उतरे थे।
- 7. आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को लुभाने के लिए 2100 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। पूरे चुनाव में AAP का यही एकमात्र बड़ा वादा था, लेकिन जनता ने इस पर भरोसा नहीं किया।
- 8. अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। इसके तहत केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह सकते। कांग्रेस और बीजेपी जनता को यह संदेश देने में सफल रही कि अगर AAP सत्ता में भी आती है तो केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।