India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आज मंगलवार को आ रहे हैं। एग्जिट पोल समेत देशभर के सभी सट्टा बाजार अपनी तरफ से एनडीए और भारत गठबंधन की जीत का दावा कर रहे हैं। ऐसे में सबकी नजर राजस्थान के फलौदी के सट्टा बाजार पर भी है। चुनाव हो या क्रिकेट मैच, फलौदी सट्टा बाजार हमेशा सुर्खियों में रहता है। यह सट्टा बाजार देश से लेकर विदेश तक अपनी सटीक भविष्यवाणी के लिए मशहूर है। ऐसे में चुनाव खत्म होने के बाद आने वाले नतीजों को लेकर इसका आकलन काफी दिलचस्प होता है।इस बार फलौदी सट्टा बाजार के आंकड़े देशभर में हुए एग्जिट पोल के नतीजों से काफी मेल खाते हैं। सट्टा बाजार ने भविष्यवाणी की है कि भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा। फलौदी सट्टा बाजार का आकलन है कि भाजपा एक बार फिर 2014 वाला अपना प्रदर्शन दोहरा सकती है, यानी इस बार भी 300 से 305 सीटें जीत सकती है। वहीं एनडीए को करीब 350 सीटें मिल सकती हैं।

यूपी में बीजेपी को 70-75 सीटें मिलने की उम्मीद

फलोदी सट्टा बाजार के अनुसार, अगर राज्यों की बात करें तो गुजरात में बीजेपी को सभी 26 सीटें, उत्तर प्रदेश में 70-75, कर्नाटक में एनडीए को 20 सीटें और राजस्थान में करीब 20 सीटें मिल सकती हैं। इसके साथ ही एमपी में बीजेपी को 25-27, ओडिशा में 11-12, हरियाणा में 5-6, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 10-11, तेलंगाना में 5-6 और दिल्ली में 5-6 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सभी सीटें बीजेपी के खाते में जाती दिख रही हैं।

इस बार किसकी बनेगी सरकार?

बता दें कि, 543 सीटों पर हुए चुनाव के बाद सभी उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद हो गई है। किसे कितनी सीटें मिलेंगी? कौन जीतेगा, कौन हारेगा? इसका आकलन हर जगह हो रहा है। लोगों में उत्सुकता है कि इस बार किसकी सरकार बनेगी? पार्टियों के दिलों में इस बात को लेकर बेचैनी है कि जनता का मूड क्या है? ऐसे में अगर कोई जगह है जहां जीत-हार को लेकर सट्टे की सबसे ज्यादा चर्चा होती है तो वो है फलौदी। फलौदी सट्टा बाजार का नेटवर्क पूरे देश में है। इसका कारोबार करोड़ों में बताया जाता है। बताया जाता है कि यहां हर दिन करोड़ों का अघोषित सट्टा लगता है। हालांकि फलौदी सट्टा बाजार का गणित इसके उलट है।

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कैसे करते हैं सट्टेबाज भविष्यवाणी ?

चुनाव में अगर फलौदी सट्टा बाजार किसी उम्मीदवार के लिए कम भाव लगाता है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो उम्मीदवार कमजोर है। कम भाव का मतलब है कि उस उम्मीदवार की जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा मानी जा रही है, जिसका भाव ही नहीं लगाया जाता है, उसका मतलब है कि उसके हारने की संभावना ज्यादा है। जनता के मन में क्या है ये जानना आसान काम नहीं है। ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि ये सट्टेबाज कैसे भविष्यवाणी करते हैं और किस जानकारी पर काम करते हैं। इस बाजार के लोगों का दावा है कि वो अखबार पढ़ते हैं, मीडिया रिपोर्ट देखते हैं। नेताओं की सभाओं में भीड़ देखते हैं, लोगों से बात करते हैं और वोटिंग प्रतिशत देखते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सभी की राय एक जैसी हो। फलौदी के इस बाजार में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। कहते हैं कि यहां गली-गली और घर-घर जाकर सट्टा लगाया जाता है। अगर कोई जूता फेंकता है तो इस पर भी सट्टा लगाया जाता है कि जूता सीधा गिरेगा या उल्टा। कहते हैं कि देश के हर बाजार की नजर फलौदी सट्टा बाजार पर रहती है।

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मुंबई शेयर बाजार में भी फलौदी के लोगों की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। कहते हैं कि यहां के करीब 300 लोग वहां काम करते हैं। देश के दूसरे हिस्सों में शायद ही कोई फलौदी शहर के बारे में ज्यादा जानता हो, लेकिन इसके सट्टा बाजार की चर्चा काफी गर्म रहती है। हाल ही में यहां की कई भविष्यवाणियों ने लोगों का ध्यान खींचा है। पिछले साल मई में कर्नाटक में चुनाव हुए थे। फलौदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस को 137 और बीजेपी को 55 सीटें दी थीं। नतीजों में कांग्रेस को 135 और बीजेपी को 66 सीटें मिलीं। इससे पहले 2022 में हिमाचल प्रदेश में करीबी मुकाबले के बीच कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की गई थी और ऐसा हुआ भी।

फलौदी में कब से खेला जाता है सट्टा

जानकारी के लिए बता दें कि, फलोदी का यह सट्टा बाजार काफी मशहूर है। ऐसा भी कहा जाता है कि ऐसा सट्टा कहीं और नहीं खेला जाता। बीकानेर और शेखावाटी में इसी तरह का सट्टा खेला जाता है। जानकारों का कहना है कि यहां करीब 500 साल से पारंपरिक तौर पर सट्टा खेला जा रहा है। वैसे, फलौदी शहर नमक नगरी के नाम से भी मशहूर है। यहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री को पार कर जाता है। ऐसे में गर्मी के साथ-साथ यहां चुनावी तापमान भी बढ़ गया है।

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